बहराइच। जिले के महाराजगंज बाजार में बीते रविवार को हुई हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी की ओर से मुख्य आरोपी समेत 23 लोगों के घरों को अतिक्रमण के दायरे में होने का नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में दिल्ली की एपीसीआर संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य अभियुक्त की बेटी की तरफ से वाद दायर किया है। रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार से 3 दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है।
हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार में बीते 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए उपद्रव में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसे लेकर दूसरे दिन हिंसा भड़क गई। कई लोगों के दुकान और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की ओर से महराजगंज के 23 लोगों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने के लिए 3 दिन की मोहलत दी थी। समय पर जमीन न खाली करने पर सभी के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
इसको देखते हुए दिल्ली की एपीसीआर संस्था के मुख्य कार्यकारी सैयद महफूजुर रहमान ने लखनऊ हाईकोर्ट में अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव के जरिए वाद दायर करवाया था। रविवार शाम को 6.30 बजे मामले की सुनवाई हुई। जिसमें लखनऊ हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज और मसूदी व सुभाष विद्यार्थी की टीम ने मामले की सुनवाई की।
अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि जजों की टीम ने सुनवाई करते हुए मामले में सरकार से 3 दिन में जवाब मांगा है जिसमें उनसे पूछा गया है कि यह सड़क ग्रामीण है या शहरी है। इसके अलावा सभी ग्रामीणों को 15 दिन का समय दिया गया है कि वह सभी अपना पक्ष पीडब्ल्यूडी कार्यालय में प्रस्तुत करें। ऐसे में बुलडोजर की कार्रवाई 15 दिन के लिए रोक दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई तीन याचिकाएं
महाराजगंज निवासी मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार और दो अन्य लोगों ने एपीसीआर संस्था के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है।
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