“कानपुर के तत्कालीन ARTO अनिल गोविल और तीन सिपाहियों को एंटी करप्शन कोर्ट ने 25 साल पुराने घूसखोरी मामले में दोषी ठहराया। सभी दोषियों को तीन साल की कैद और 25 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया। एक आरोपी श्याम सुंदर पांडे को सबूत के अभाव में बरी किया गया।”
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में एंटी करप्शन कोर्ट ने 25 साल पुराने घूसखोरी के मामले में फैसला सुनाया। इस मामले में तत्कालीन ARTO अनिल गोविल और तीन सिपाहियों को दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने चारों दोषियों को तीन साल की कैद और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
यह मामला 17 जून को कानपुर RTO कार्यालय परिसर से जुड़ा हुआ है, जहां एक सीज किए गए टैंकर को छोड़ने के बदले घूस ली गई थी। आरोप है कि तत्कालीन ARTO अनिल गोविल और सिपाही शरणजीत सिंह, साबिर अली और अयूब खान ने घूस के रूप में पांच हजार रुपये प्राप्त किए थे।
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एंटी करप्शन कोर्ट की सुनवाई के दौरान एक अन्य आरोपी की मृत्यु हो चुकी थी, जबकि एक और आरोपी श्याम सुंदर पांडे को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया। इस फैसले से घूसखोरी के खिलाफ सख्त संदेश गया है और न्याय की प्रक्रिया को मजबूती मिली है।
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