आगरा के खेरागढ़ थाना क्षेत्र में 12 साल की मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई की? क्या अधिकारियों ने इस गंभीर मामले पर आंखें मूंद ली हैं?
गुरुवार रात, जब बालिका अपने छोटे भाई-बहनों के साथ घर में सो रही थी, तब आरोपी ओमवीर लोदी ने उसे उठाकर ले गया। यह घटना रात डेढ़ बजे हुई, जब आरोपी ने बालिका को घर से लगभग 500 मीटर दूर एक देवस्थान के पास ले जाकर दुष्कर्म किया। इस घटना का CCTV फुटेज भी मौजूद है, जो आरोपी की पहचान में मददगार साबित हुआ।
हालांकि, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन पीड़िता और उसके पिता को मेडिकल के लिए थाने में पांच घंटे तक बैठाए रखा गया। पुलिस ने पीड़िता के पिता से खुद वाहन लाने के लिए कहा, जो कि बेहद गरीब हैं। इस दौरान, उन्हें किराए की गाड़ी मंगवानी पड़ी। मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचने पर भी उन्हें तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन फिर भी मेडिकल नहीं हो सका।
पीड़िता के पिता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मिला है, लेकिन उसमें चार साल से बिजली कनेक्शन नहीं है। गर्मी और अंधेरे के कारण परिवार को घर के बाहर सोने को मजबूर होना पड़ा। सांसद राजकुमार चाहर ने इस मामले में पुलिस, बिजली और स्वास्थ्य विभाग पर नाराजगी जताई है।
डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा ने बताया कि आरोपी ओमवीर सिंह चाट की ठेल लगाता है और नशे का आदी है। इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा के मुद्दे को भी उजागर किया है।