लखनऊ, 28 अप्रैल। कामकाजी महिलाओं को अब शहरों में सुरक्षित और सस्ती आवासीय सुविधा मिलना और भी आसान हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में अत्याधुनिक श्रमजीवी महिला छात्रावास तैयार कर रही है।
प्रदेश में कुल 15 छात्रावासों का निर्माण तेजी से जारी है, जिनमें प्रत्येक की क्षमता 500 महिलाओं की होगी। ये छात्रावास लखनऊ, गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में बन रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इसी वित्तीय वर्ष में इनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए।
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महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित इन छात्रावासों में CCTV कैमरे, सुरक्षा गार्ड, अग्निशमन यंत्र, शिशु सदन (क्रेच), जिम, ऑडिटोरियम, लॉन्ड्री, वाहन पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा, कैन्टीन और डिपार्टमेंटल स्टोर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मिशन शक्ति के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यहां वार्डेन, सुरक्षा स्टाफ और हाउसकीपिंग स्टाफ की भी तैनाती होगी।
राज्य सरकार की स्वयं की योजना:
‘मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना’ के तहत राज्य सरकार वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी और आगरा में भी 500-500 क्षमता वाले छात्रावास बना रही है। इसके लिए 170 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि मिशन शक्ति की गाइडलाइंस के तहत सुरक्षित और गरिमामय वातावरण प्रदान करते हुए कामकाजी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक बड़ी पहल है।
यह परियोजना न सिर्फ महिलाओं को आवास उपलब्ध कराएगी, बल्कि उनके बच्चों के पालन-पोषण और समग्र जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगी। आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में देशभर में एक नई मिसाल पेश करेगा।