सिमडेगा : शहरी क्षेत्र के सलडेगा अंबाटोली में दो समुदायों के बीच चल रहे विवाद के विरोध में एक समुदाय के लोगों ने आदिवासी छात्र संघ के तत्वावधान में धरना दिया. नगर परिषद कार्यालय के निकट आयोजित इस धरना कार्यक्रम में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया. धरना में वक्ताओं ने कहा कि एक समुदाय के लोगों द्वारा आदिवासियों के धार्मिक स्थल पर झंडा गाड़ दिया गया है.
31 तक कार्रवाई नहीं हुई, तो बंद की धमकी
साथ ही धमकी भी दी जा रही है. इसके बावजूद प्रशासन उक्त लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. धरना के माध्यम से उक्त लोगों पर एसटी-एससी का केस दर्ज करने एवं झंडा हटाने की मांग की गयी. निर्णय लिया गया कि 31 जुलाई तक कार्रवाई नहीं हुई, तो संपूर्ण जिला बंद कराया जायेगा. साथ ही डीसी व एसपी का घेराव किया जायेगा.
आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष प्रदीप टोप्पो ने कहा कि आदिवासियों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. साथ ही कानून की धज्जियां उड़ायी जा रही है.वीरेंद्र बाड़ा ने कहा कि धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुंचाने वाले व्यक्तियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाना चाहिए. यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जायेगा. इस मौके पर कर्मिला खेस, अजीत लकड़ा, अब्राह्म मिंज, इलयाजर बा, दीपक डुंगडुंग आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर मुख्य रूप से चार्लेस एक्का, अंजली डुंगडुंग, सुनीता कुल्लू, समीर तिर्की, पोलिना सोरेंग, माग्रेट केरकेट्टा, दोमनी शीतल कुल्लू व उर्सेला बिलुंग के अलावा काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.
धरना-प्रदर्शन को अनुचित बताया
बंगरू भंडारटोली में दूसरे समुदाय की बैठक रघुवीर प्रधान की अध्यक्षता में हुई. बैठक में आदिवासी छात्र संघ द्वारा आयोजित धरना कार्यक्रम को अनुचित बताया गया तथा कुछ चिह्नित व्यक्तियों के खिलाफ बेवजह एसटी-एसी का मुकदमा दर्ज कराने के लिये दबाव बनाने की निंदा की गयी.
कहा गया कि आदि काल से चल रहे सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का कार्य आदिवासी छात्र संघ के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है.कहा गया कि आदिवासी छात्र संघ का कार्य छात्र हित में होना चाहिए न कि एक धर्म विशेष के लिये.पुराने जमाने के पूजन परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी रामनवमी पर्व पर महावीरी झंडा लगाया गया था. जिसका विरोध उचित नहीं है.