लखनऊ । भाजपा ने बसपा प्रमुख मायावती की इलाहाबाद की रैली को असफल बताया और यूपी की जनसमस्याओं के लिए बसपा द्वारा सपा सरकार पर बोलने के बजाए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराए जाने को सपा-बसपा का गठजोड़ करार दिया है। रैली में मोदी पर हमले पर भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और बसपा के दरकते जनाधार से मायावती घबड़ा गई हैं। इसलिए अनाप-शनाप बोल रही हैं।
उक्त बातें मौर्य ने रविवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से कही।रैली में मोदी पर हमले पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बसपा सुप्रीमो ने यूपी की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बिजली, पानी, सड़क और सुरक्षा की जिम्मेदार राज्य की अखिलेश सरकार पर एक भी सवाल नहीं उठाए। वहीं प्रधानमंत्री मोदी का कई बार नाम लिया। रैली में भी बुआ-भतीजे का गठजोड़ रैली में भी दिखा। भ्रष्टाचार और घोटालों की यूपी सरकार को बसपा द्वारा समर्थन का कारण मायावती को बताना होगा। आखिर क्या मजबूरी है जो बसपा अखिलेश सरकार को समर्थन दे रही है।
यूपी की सियासत में जिस मजबूती के लिए बसपा प्रमुख जानी जाती रही हैं, उनमें वह अब नहीं बचा है। उनका दलित विरोधी चेहरा भी उजागर हो चुका है। यूपी में दलित उत्पीड़न पर वह नहीं बोलतीं। अन्य राज्योें में बसपा प्रमुख पहुंच जाती हैं। आंकड़े बताते है कि अखिलेश सरकार में दलित उत्पीड़न के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। यहां के मामलों में सुश्री मायावती चुप क्यों हैं? कहा कि मिली भगत के पीछे उनको पास्को एक्ट से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को और लोकायुक्त की जांच में फंसे अपनी सरकार के तत्कालीन 22 मंत्रियों को कार्यवाही से बचाना है। इसके साथ ही एक बार फिर दोहराते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही भ्रष्टारियों और गुण्डों को जेल में डाला जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2017 का चुनाव अखिलेश सरकार के रिर्पोट कार्ड पर होना है न कि मोदी सरकार के कार्य पर। जातीय विद्वेष की राजनीति करने वाली मायावती के मुंह से सर्वजन हिताय का नारा हस्यासपद लगता है। केशव ने कहा कि सपा-बसपा का भ्रष्टाचार पर समान आचरण है। बसपा टिकट बेच रही है। सपा रुपये लेकर जिलाधिकारी की नियुक्ति कर रही है। शनिवार को आई.ए.एस. अशोक कुमार ने आरोप लगाया कि मेरे पास जिलाधिकारी बनने के लिए 70 लाख रुपये नहीं है। मौर्य ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह एवं रामप्रकाश गुप्ता के मुख्यमंत्रीत्व काल की कानून व्यवस्था बहाल की जाएगी।