सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर में फर्जी डाकुमेंट तैयार कर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जारी करने का मामला प्रकाश में आया है। विश्ववार्ता के हाथ लगे कुछ कागजातों से ड्रग विभाग का काला चिट्ठा खुल गया। इसके जांच होने पर एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। प्रदेश में फार्मासिस्टो के रजिस्ट्रेशन नंबर पर फर्जी डाकुमेंट तैयार कर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निर्गत करने का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। जिसका तार प्रदेश के कई जिलो तक फैला हुआ है।
आगरा जनपद के फार्मासिस्ट ललित कुमार यादव का उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट काउन्सिल का रजिस्ट्रेशन न0 60377 है। जब इन्होने आगरा के ड्रग आफिस में अपने मेडिकल स्टोर खोलने हेतु लाइसेंस निर्गत करने के लिए आवेदन किया तो पता चला की उनके रजिस्ट्रेशन नंबर पर तो पहले से ही मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निर्गत हो चूका है। जिसे सुन ललित कुमार स्तब्ध रह गये। फिर उन्होंने अपने माध्यम से पता लगया तो पता चला की उनके रजिस्ट्रेशन न0 पर जो मेडिकल स्टोर संचालित हो रहा है वो सिद्धार्थनगर जनपद के मोहाना थाना क्षेत्र के रमवापुर में है ।फिर तुरन्त ललित कुमार सिद्धार्थनगर का रुख करते हुए खुद अपनी जाँच में लग गये जिससे उनको पता चला की उनके रजिस्ट्रेश न0 60377 पर उनके नाम की जगह सुमित कुमार को फार्मासिस्ट बताया गया हैऔर पता भी गलत दर्शाया गया है वो भी फतेहपुर का। इससे इस नेटवर्क का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। आगरा के फार्मासिस्ट ललित कुमार यादव ने ड्रग विभाग की फर्जीवाड़े की पोल खोलते हुए अपनी विशेष मुलाकात में विश्ववार्ता से बताया की इस मामले को लेकर आर टी आई भी लगया है जिसकी सूचना भी उसको नहीं मिल रही है।ललित कुमार ने 12 अगस्त 2016 को आगरा के नाई मंडी थाना में यादाव मेडिकल स्टोर रमवापुर थाना मोहना जनपद सिद्धार्थनगर सहित सम्बंधित विभागीय अधिकारियो के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवाया है। ललित ने खुलासे में बताया की उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउन्सिल लखनऊ में 10 नवम्बर 2014 को वह रजिस्ट्रेशन कराया है जिसका रजिस्ट्रेशन न0 60377 है।। ललित ने इस मामले से जुड़े सभी लोगो के खिलाफ कड़ी कारवाही की मांग की है।