गोरखपुर। देश में संस्कार भारती संस्कृति की रक्षा करने के साथ ही युवाओं में विभिन्न कलाओं से सुशोभित करने का कार्य करता है। समूचे देश में युवाओं के अन्दर संस्कार व संस्कृति उत्पन्न करने का श्रेय संस्कार भारती को जाता है। संस्कार भारती के सर्वसाधारण सभा में आना स्वयं एक प्रेरणादायी होता है।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को महानगर के सुभाषचन्द्र बोस नगर स्थित सरस्वती शिशु मदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में संस्कार भारती के दो दिवसीय अखिल भारतीय साधारण सभा के उद्घाटन सत्र के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कहीं। उन्होंने कहा कि संस्कार भारती का महत्व देश के लिए ही नहीं वरन पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे देश में बसुधैव कुटुम्बकम् की बात कही जाती है। हमारी संस्कृति की पहचान हमारी भाषा से है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत से उत्पन्न अनेको भाषाओं में हिन्दी उसकी बहन है।
संस्कार से संस्कृति का निर्माण होता है। संस्कृति के विभिन्न आयाम हैं। सभी भाषाएं मिलकर भाषा संस्कृति बनती है। विभिन्न प्रकार की कलाएं चित्रकला, शिल्पकला समेत 65 प्रकार की कलायें हमारे यहां होती हैं। इन सभी कलाओं को चित्रित्र करने का कार्य संस्कार भारती करता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गोरक्षपीठाधिश्वर व सदर सांसद योगी आदित्य नाथ ने कहा कि संस्कार के द्वारा ही मनुष्य योनि में पैदा हुआ व्यक्ति भी देवत्व को प्राप्त हो जाता है। रत्नाकर जैसा सामान्य व्यक्ति को संस्कार ने वाल्मिकी बना दिया। उन्होंने कहा कि बन्दर योनि में जन्म लेने के बावजूद जब भगवान की संगति मिली तो हनुमान को देवत्व की प्राप्ति हुई। इस दौरान संस्कार भारती की स्मारिका का विमोचन हुआ। मंच पर संस्कार भारती के संस्थापक एवं संरक्षक योगेन्द्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. वासुदेव कामद, राष्ट्रीय महामंत्री विश्राम जामदार, गोरखपुर प्रांत अध्यक्ष सलभ मणि त्रिपाठी, संयोजक रविशंकर खरे मौजूद रहे।