देहरादून। हरिद्वार के स्थानीय अदालत ने रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की पांच उत्पादन इकाइयों पर उसके उत्पादों के ‘गलत प्रचार एवं भ्रामक विज्ञापन’ के मामले में 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन का दोषी पाया गया क्योंकि कंपनी ने दर्शाया है कि उसके उत्पादों का उत्पादन उसकी अपनी इकाइयां करती हैं जबकि ऐसा नहीं है। अदालत ने कंपनी से एक माह के भीतर जुर्माना भरने को कहा।
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2012 में कंपनी के खिलाफ अदालत में एक मामला दर्ज कराया था। यह मामला पतंजलि के उत्पाद गुणवत्ता परीक्षण में असफल रहने के बाद दर्ज कराया गया था।