नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात को लेकर चीन ने अपनी नाराजगी जताई है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने बताया, हाल ही में चीन के औपचारिक प्रतिनिधित्व और कड़े विरोध के बावजूद भारत 14वें दलाई लामा के राष्ट्रपति भवन में जाने पर अड़ा रहा।
जहां पर लामा ने एक कार्यक्रम में भाग लिया और राष्ट्रपति से मुलाकात की। चीन का कहना है कि भारत को उसके मूल हितों का सम्मान करना चाहिए ताकि द्विपक्षीय संबंधों में कोई बाधा ना आए।
चीन का यह बयान मुखर्जी के राष्ट्रपति भवन में बच्चों के कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा से मिलने के संबंध में आया है। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के चिल्ड्रंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल होने दलाई लामा राष्ट्रपति भवन गए थे। जेंग शुआंग ने कहा, चीन कड़ाई से इससे नाराज हैं और कड़ाई से विरोध करता है।
दलाई लामा राजनीतिक वनवास में हैं। लंबे समय से चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वे धर्म के नाम पर तिब्बत को चीन से अलग करने का प्रयास कर रहा है। चीन उनके साथ अन्य देशों के अधिकारियों के संपर्क का मजबूती से विरोध करता है।
जेंग ने कहा, दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी रवैये को भारत अपने पक्ष से देखें। चीन के मूल हितों व चिंताओं का सम्मान करें। भारत-चीन के बीच संबंधों पर नकारात्मक असर डालने वाली चीजों को दूर करने के लिए सही कदम उठाए। चीन नियमित रूप से दलाई लामा से मिलने वाले वैश्विक नेताओं का विरोध करता है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब चीन ने भारत में दलाई लामा की गतिविधियों पर आपत्ति की है।
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