रांची। राज्य नि:शक्ता आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा है कि दिव्यांगों को दया और सहानुभूति की नहीं बल्कि समान अवसर दिए जाने की जरूरत है। विकास कार्य में जितनी भूमिका सामान्य वर्ग की होती है, उतनी दिव्यांग की भी है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया। चंद्रा सोमवार को होटल कैपिटोल हिल में भारतीय किसान संघ की ओर से दिव्यांगों पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर दिव्यांगों को समान अधिकार मिलेगा, तो देश के विकास को कई गुना ताकत मिलेगी।
सरकार भी एक हद तक इनकी मदद करती है। दिव्यांगों को सरकार 600 रूपये पेंशन देती है। राज्य के लगभग 1 लाख 75 हजार दिव्यांगों के खाते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन 600 रूपये में उनका विकास संभव नहीं है। गैर सरकारी संगठनों की भूमिका इस क्षेत्र में अहम है। सारा काम सरकार नहीं कर सकती। सरकार के साथ-साथ समाज को भी इस दिशा में आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि आज भी कई जगहों पर दिव्यांगों को लोग हीन भावना की तरह देखते हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों को सोच बदलने की जरूरत है। दिव्यांगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की भी जरूरत है, ताकि उनके विकास में समाज के लोग भी योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों के विकास के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन इस दिशा में समाज की ओर से भी पहल होनी चाहिए।
गैर सरकारी संगठन सहित सरकार इनके विकास के लिए लगातार काम कर रही है। मौके पर दिव्यांगों को उनके हक और अधिकार के बारे में कई तरह की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर सीएसआर के सदस्य संजय कुमार मिश्रा, शालीन राकेश, राजेश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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