गया। सोमवार से 34वें कालचक्र पूजा की शुरुआत हो गई। पहले दिन दलाई लामा श्रद्धालुओं के बीच उपदेश दे रहे हैं। दलाई लामा को सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु कालचक्र मैदान में पहुंचे हुए हैं। दलाई लामा के लिए कालचक्र अनुष्ठान के लिए नया मंच बनाया गया है।
यहां उनके साथ नामग्याल के वरीय बौद्ध लामा सहित अन्य शीर्ष धर्मगुरु अतिविशिष्ट अतिथि के बैठने की भी व्यवस्था है। दलाईलामा यहीं से श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। कालचक्र पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का बोधगया आना जारी है। 40 हजार से अधिक लामाओं के आने की सूचना है।
श्रद्धालु 14 नंबर गेट से मैदान में प्रवेश करेंगे। मैदान में ढाई लाख वर्ग फिट में एक मुख्य पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल में श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हुई है। इसमें लगभग 60 हजार श्रद्धालु एक साथ बैठ सकते हैं। पंडाल को वाटर प्रूफ बनाया गया है। मैदान में बनाए गए प्रवेशद्वार पर डोर मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं। यहां बड़े आकार के 15 एलसीडी टीवी डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं।
कालचक्र पूजा को लेकर जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा को लेकर एंटी टेररिस्ट स्क्वायड के अलावा NSG के कमांडो भी तैनात किए गए हैं। 2500 बिहार पुलिस के जवान, 20 DCP, 50 इंस्पेक्टर, 200 सब इंस्पेक्टर, 600 मजिस्ट्रेट एक हजार पारा मिलिट्री के जवानों को कालचक्र पूजा में तैनात किया गया है।
कालचक्र पूजा का 8 भाषाओं- हिंदी, तिब्बती, अंग्रेजी, चाइनिज, वियतनामी, कोरियन, मंगोलियन रशियन में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके FM रेडियो पर लाइव प्रसारण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कालचक्र अनुष्ठान का केवल अंग्रेजी, तिब्बती चाइनिज में लाइव वेबकास्टिंग होगा।
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