मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर) ने बोरिस बेकर को अपना आधिकारिक राजनयिक मानने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि पूर्व टेनिस स्टार का पासपोर्ट फर्जी है। एएफपी द्वारा देखे गए पासपोर्ट की कॉपी 19 मार्च 2018 में जारी की गयी है लेकिन इसपर देश के विदेश मंत्री चार्ल्स आर्मल डौबेन द्वारा न तो हस्ताक्षर किया गया है और न ही इसपर कोई मुहर है। बता दें कि बोरिस बेकर 1985 में 17 साल की उम्र में पुरुष विम्बलडन चैम्पियन बनने वाले युवा खिलाड़ी बने थे।
विदेश मंत्री चार्ल्स आर्मल डौबेन ने आगे कहा कि बेकर के राजनयिक स्टेटस से उनका कभी सामना नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘बोरिस सीएआर के आधिकारिक राजनयिक नहीं हैं। राजनयिक के तौर पर नियुक्ति के लिए इसपर न केवल राष्ट्रपति के नॉमिनेशन की बल्कि विदेश मंत्री के तौर पर मेरे हस्ताक्षर की भी जरूरत होती है। राष्ट्रपति ने बोरिस बेकर के लिए किसी एेसे कागजात पर मुझे हस्ताक्षर करने को नहीं कहा।’
उन्होंने आगे कहा कि सीएआर राजनयिक होने के लिए जिन चीजों की जरूरत है क्या वह बोरिस बेकर के पास है और दूसरी बात कि बोरिस बेकर के पास ऐसे कागजात हैं जो उनके राजनयिक होने का सबूत दे। यदि है तो उन्हें वो कागजात दिखाना चाहिए। बोरिस बेकर की नियुक्ति के सर्टिफिकेट पर केवल इयू एंबेस्डर का हस्ताक्षर है।
विदेश मंत्रालय के प्रमुख चेरुबिन मोलोगबामा का कहना है कि पासपोर्ट पर मौजूद सीरियल नंबर उन पासपोर्टों से मेल खाता है जो 2014 में चोरी हो गयी थी। शुक्रवार को तीन बार विंबलंडन चैंपियन रहे बोरिस के वकीलों ने लंदन में हाइकोर्ट को बताया कि उन्हें अप्रैल में सीएआर के आधिकारिक राजनयिक के तौर पर नियुक्त किया गया था। बता दें कि पिछले साल के जून माह में बोरिस को दिवालिया घोषित कर दिया गया था। इन्हें निजी बैंकरों की एक फ़र्म को बड़ी रकम चुकानी थी।
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