जब हम म्यूजिक सुनते है या फिर को कोई बजाता है तो हमारे हाथ-पैर खुद ही थिरकने लगते है। कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। क्यों हमारे पैर अपने आप थिरकने लगते है। इसको लेकर कई शोध भी किए गए है। हाल में ही एक अध्ययन किया गया। जिसमें ये बात सामने निकल कर आई कि आखिर हमारे पैर क्यों थिरकने लगते है।
किया गया इस यंत्र का इस्तेमाल
इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी नामक यंत्र का इस्तेमाल किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क की हर हरकत धुन की आवृत्ति पर निर्भर करती है। अगर किसी गाने में बेस ज्यादा है तो पैर थिरकने के लिए ज्यादा मचलेंगे और लोग ज्यादा नाचेंगे। वहीं कम बेस वाले गाने लोगों को नाचने पर मजबूर नहीं कर पाते।
कर सकती है ये रिसर्च मेडिकल में
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी रिसर्च कई तरह की मेडिकल कंडिशन को समझने और इलाज करने में इस्तेमाल हो सकती है। वैसे आजकल म्यूजिक थेरेपी के जरिए भी लोगों का इलाज किया जा रहा है। आने वाले समय में संगीत न सिर्फ मन को आराम बल्कि इलाज के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।