वेटिकन सिटी। नये साल के संबोधन पर 80 वर्षीय केथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने दुनियाभर में हो रहे जिहादी हमलों को ‘नरहत्या की सनक’ करार देकर निंदा की और सभी धार्मिक प्रमुखों से दृढता से यह आह्वान करने की अपील की ‘कोई ईश्वर के नाम पर कभी हत्या नहीं कर सकता।’
दुनिया के 1.2 अरब रोमन कैथोलिकों के नेता ने सरकार के नेताओं से गरीबी से लड़ने का भी आह्वान किया, क्योंकि उनके अनुसार गरीबी कट्टरपंथ को फूलने-फलने की उर्वर जमीन प्रदान करती है।
उन्होंने कट्टरपंथ प्रेरित आतंकवाद का हवाला देते कहा वर्ष 2016 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बेल्जियम, बुरकिना फासो, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जोर्डन, नाईजीरिया, पाकिस्तान, ट्यूनीशिया, तुर्की और अमेरिका में लोगों को अपना शिकार बनाया।
फ्रांसिस ने कहा, ‘ये घृणित हरकते हैं जहां लोगों की हत्या करने ‘जैसा कि नाइजीरिया में हुआ’, प्रार्थना सभा में लोगों को, ‘जैसा कि काहिरा के कोप्टिक कैथड्रल मे हुआ’, यात्रियों एवं श्रमिकों, जैसा कि ब्रूसेल्स में हुआ, नाइस और बर्लिन में राहगीरों को, नये साल मना रहे लोगों जैसा कि इस्तांबुल में हुआ, को निशाना बनाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है।’