बैसारन फाइल्स आतंकी हमला कश्मीर के इतिहास का सबसे दर्दनाक और मानवता को झकझोर देने वाला अध्याय बन गया है। पहलगाम की बैसारन घाटी में आतंकियों ने 22 अप्रैल को 27 पर्यटकों को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर गोली मार दी। इस हमले में 20 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
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यह हमला तब हुआ जब कश्मीर धीरे-धीरे पर्यटन की राह पर लौट रहा था। स्थानीय लोग शांति और समृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन आतंकियों ने न सिर्फ निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा आघात किया।
बैसारन फाइल्स आतंकी हमला में शामिल आतंकी सेना की वर्दी में थे, जिससे पर्यटक भ्रमित हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों से नाम और धर्म पूछा और फिर हिंदू नाम बताने वालों पर बेरहमी से गोलियां चला दीं।
एक वायरल वीडियो में देखा गया कि एक पर्यटक व्लॉग बना रहा था, तभी हमला हुआ। हमलावरों ने अज़ान करने की धमकी दी और जो ऐसा न कर सके, उन्हें मार दिया गया।
गृहमंत्री अमित शाह घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और ऑपरेशन के लिए विक्टर फोर्स, एसओजी और सीआरपीएफ को लगाया गया है। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) पर इस हमले का शक है, जो लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंटल संगठन है।
टीआरएफ का नया मॉड्यूल ‘फाल्कन स्क्वॉड’ इस तरह के टारगेटेड हमलों के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसे पाकिस्तान से हथियार और रणनीतिक सहयोग मिलता है।
हमले की टाइमिंग भी चौंकाने वाली है। जब भारत के प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर हैं, विपक्ष के नेता अमेरिका में हैं और अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में, तब इस हमले को अंजाम दिया गया।
इससे पहले भी कश्मीर में कई बार धार्मिक आधार पर हमले हुए हैं।
2000 से अब तक 11 बड़े आतंकी हमलों में 227 लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन यह हमला सबसे विभत्स है, क्योंकि इस बार सीधे टूरिज्म को टारगेट किया गया।
इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अमेरिका, रूस सहित कई देशों ने भारत का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरा बीच में छोड़ते हुए भारत लौटने का फैसला लिया है।
कश्मीर में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी है और दोषियों को जल्द ही पकड़ने का दावा किया गया है।