बाराबंकी, 26 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक जालसाज़ ने बिजली विभाग की विजिलेंस टीम का अधिकारी बनकर लोगों से ठगी की। बाराबंकी विजिलेंस ठगी का यह मामला तब सामने आया जब बदोसराय थाना क्षेत्र के खोर एत्मादपुर गांव निवासी शिव यादव ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। आरोपी व्हाट्सएप पर विद्युत विभाग से जुड़ी सूचनाएं साझा कर लोगों का भरोसा जीतता था और फिर मोबाइल नंबर फीडिंग व मीटर रीडिंग सही कराने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठता था।
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व्हाट्सएप ग्रुप से बिछाता था जाल
पीड़ित शिव यादव ने बताया कि उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में विद्युत विभाग के कैम्प की सूचना मिली थी। पोस्ट करने वाले ने अपना परिचय विजिलेंस डिपार्टमेंट अधिकारी के रूप में दिया था। मोबाइल नंबर 9452273530 से किए गए इस पोस्ट में मीटर रीडिंग सही कराने और मोबाइल नंबर अपडेट कराने के लिए संपर्क करने को कहा गया था। पोस्ट की डीपी में विद्युत विभाग का लोगो और विजिलेंस विभाग का नाम भी लिखा था, जिससे लोगों का भरोसा और भी मजबूत हो गया।
डाटा और डीटेल्स से बनाता था भरोसा
जालसाज़ ने पीड़ित से मीटर की फोटो मंगवाई और फिर मोबाइल नंबर फीड कराने के लिए 400 रुपये की मांग की। जब पीड़ित ने संदेह जताया, तो उसने विभागीय प्रक्रिया का हवाला देते हुए अपना पक्ष मजबूत किया। इसके अलावा जालसाज़ ने पीड़ित के बकाया बिल का स्क्रीनशॉट भी भेजा, जिससे भरोसा और बढ़ गया।
MVVNL के नाम से यूपीआई आईडी बना रखी थी
जालसाज़ ने पीड़ित को एक क्यूआर कोड भेजा, जिसमें बैंकिंग नेम “रवि वर्मा” और यूपीआई आईडी “mvvnlup@axi” दिखाई दी। इसे देखकर पीड़ित ने 740 रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे भेजने के बाद जालसाज़ ने रसीद भेजने का वादा किया लेकिन फिर तरह-तरह के बहाने बनाता रहा और अंत में पीड़ित को ब्लॉक कर दिया।
पुलिस ने भी दिखाई उदासीनता
पीड़ित जब 17 अप्रैल को बदोसराय कोतवाली शिकायत दर्ज कराने पहुंचा तो वहां के दरोगा ने न सिर्फ तहरीर को गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि पीड़ित से ही प्रमाण लाने को कहा कि जालसाज़ बिजली विभाग का कर्मचारी नहीं है। पुलिस के इस रवैये से हताश होकर पीड़ित ने मामले को वहीं छोड़ देना बेहतर समझा।