गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ में शारदीय नवरात्र के अवसर पर विशेष अनुष्ठान और आराधना में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम गुरुवार से शुरू होगा और शनिवार तक चलेगा।
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- महानिशा पूजा:
- गुरुवार (10 अक्टूबर) को मुख्यमंत्री अष्टमी तिथि पर गोरक्षपीठ के पारंपरिक निशा पूजा में शामिल होंगे। यह पूजा शिवावतार गुरु गोरखनाथ की तपस्थली पर होगी।
- कन्या पूजन:
- शुक्रवार (11 अक्टूबर) को नवमी तिथि पर योगी आदित्यनाथ कन्या पूजन का अनुष्ठान करेंगे। इसमें नौ कुंवारी कन्याओं के पांव धोकर उन्हें तिलक और भोजन कराकर दक्षिणा दी जाएगी।
- विशिष्ट पूजन और शोभायात्रा:
- शनिवार (12 अक्टूबर) को गुरु गोरक्षनाथ की विशिष्ट पूजा के बाद विजयादशमी शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा गोरखपुर की उत्सवी परंपरा का खास आकर्षण है।
- समाज में समरसता:
- विजयादशमी शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं। विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय इस शोभायात्रा का भव्य स्वागत करता है, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
- गोरक्षपीठ में तिलकोत्सव:
- विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में पारंपरिक तिलकोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे।
- संतों की अदालत:
- विजयादशमी को गोरक्षपीठ में संतों की अदालत लगती है, जहां योगी आदित्यनाथ दंडाधिकारी की भूमिका में संतों के विवादों का निस्तारण करते हैं।
- भोजन की परंपरा:
- विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में अमीर-गरीब सभी समुदायों के लोग एक साथ भोज में शामिल होते हैं, जो एकता का संदेश देता है।
- सामाजिक समरसता का प्रतीक:
- चौधरी कैफुलवरा, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के निवर्तमान चेयरमैन, ने कहा कि शोभायात्रा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय का उत्साह देखने लायक होता है।
- गोरक्षपीठ की परंपरा:
- गोरक्षपीठ की यह परंपरा तीन पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसमें हर साल विजयादशमी के दिन भव्य स्वागत किया जाता है।
- शोभायात्रा का मार्ग:
- शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी, जहां रामलीला में प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया जाएगा और उनकी आरती भी उतारी जाएगी।
यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करेगा, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता का भी प्रतीक बनेगा।