अमेठी/ हालिया: दीपावली के पर्व पर आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए जिले के सभी सात अग्नि शमन केन्द्र पूरी तरह तैयार हैं। दीपावली के दिन सभी तहसील मुख्यालयों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ उपलब्ध रहेंगी, और आग लगने की सूचना मिलने पर दो मोबाइल गाड़ियाँ तत्पर रहेंगी।
प्रमुख पहलू:
- जन जागरूकता कार्यक्रम:
- दशहरे के बाद 46 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
- प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन स्कूलों, कॉलेजों और बाजारों में किया जा रहा है।
- पटाखों की बिक्री:
- जिले में 95 पटाखा लाइसेंस जारी किए गए हैं।
- आग से सुरक्षा हेतु आग बुझाने वाले दल हर लाइसेंसधारी के आस-पास मौजूद रहेंगे।
चुनौतियाँ:
- कम मैनपावर:
- अग्नि शमन विभाग में कर्मचारियों की संख्या कम है।
- मुख्य अग्नि शमन अधिकारी का पद खाली है, और केवल दो सेकेंड अफसर कार्यरत हैं।
- बजट की कमी:
- जागरूकता और प्रचार के लिए विभाग को बजट का संकट है।
- दुकानदारों को लाइसेंस के लिए बार-बार दौड़ना पड़ता है।
अग्नि शमन अधिकारी का बयान:
अग्नि शमन अधिकारी शिवदरश प्रसाद ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में दीपावली पर आग लगने की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। उन्होंने सुरक्षित दीवाली मनाने की अपील की और कहा कि सभी थानाध्यक्षों और फायर स्टेशन इंचार्जों को निरंतर ड्यूटी पर बने रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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आग से सुरक्षा की तैयारियाँ:
- जलापूर्ति की व्यवस्था:
- संजय गांधी अस्पताल में जलापूर्ति प्रणाली को ठीक किया गया है।
- औद्योगिक क्षेत्रों और अस्पतालों में पर्याप्त पानी का प्रबंध किया गया है।
- पटाखा बिक्री स्थलों का प्रबंध:
- आतिशबाजी के लिए नौ स्थलों को चिन्हित किया गया है।
सामाजिक संदेश:
सुरक्षित दीवाली मनाने के लिए “ग्रीन पटाखे जलाएं” थीम के साथ जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी आग से बचाव और आतिशबाजी में सावधानी की अपील की जा रही है।
यह प्रयास जन मानस को सुरक्षित और सुखद दीपावली मनाने के लिए प्रेरित करने का है।