हैदराबाद चारमीनार आग हादसा रविवार सुबह तब भयावह रूप ले गया जब ऐतिहासिक चारमीनार के पास गुलजार हाउस स्थित एक इमारत में भीषण आग लग गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में आठ बच्चों सहित 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब अधिकांश लोग नींद में थे, जिससे कई लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला।
अग्निशमन विभाग के अनुसार, उन्हें सुबह 6.30 बजे कॉल प्राप्त हुई। दमकल गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं और राहत कार्य शुरू किया गया। कई लोग बेहोशी की हालत में मिले जिन्हें तात्कालिक रूप से अस्पताल भेजा गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मरने वालों में कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं। कुल मिलाकर लगभग 20 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और पूरे देश की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।
केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना बीजेपी प्रमुख जी. किशन रेड्डी भी घटनास्थल पर पहुंचे और जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। उन्होंने स्थानीय लोगों की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि दमकल विभाग के पास पर्याप्त उपकरण नहीं थे। इस मुद्दे को वे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के समक्ष उठाएंगे।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने भी घटनास्थल का दौरा किया। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से बताया गया कि घायलों को बेहतर इलाज देने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं और प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।
Read It Also :-पीजीआई में हुई रेल प्रतियोगिता, जानें क्यों ?
AIMIM के वरिष्ठ नेता मुमताज अहमद खान और कांग्रेस सांसद अनिल कुमार यादव भी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। यादव ने बताया कि एक ही परिवार के 17 सदस्य आग में फँस गए थे, जिनमें से कई की मौत हो चुकी है।
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फायर सेफ्टी को लेकर क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने इस पर चिंता व्यक्त की है।