Thursday , January 9 2025
RTGS NEFT वेरिफिकेशन, RBI फीचर, डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा, गलत अकाउंट ट्रांसफर, UPI जैसा फीचर, RBI नया आदेश, RTGS NEFT में सुधार, बैंक ट्रांसफर वेरिफिकेशन, RBI निर्देश, ट्रांसफर सेफ्टी,RTGS वेरिफिकेशन फीचर, NEFT अकाउंट वेरिफिकेशन, RBI डिजिटल बैंकिंग, UPI जैसी सुविधा RTGS, बैंक ट्रांसफर का नाम वेरिफिकेशन, RBI का नया फीचर, गलत अकाउंट ट्रांसफर रोकने के उपाय, RTGS और NEFT सुधार,RTGS वेरिफिकेशन, NEFT ट्रांसफर, RBI वेरिफिकेशन, बैंक ट्रांसफर, गलत ट्रांसफर रोकना, डिजिटल बैंकिंग, UPI वेरिफिकेशन,#RTGS, #NEFT, #RBI, #UPI, #DigitalBanking, #BankTransfer, #AccountVerification, #BankingSecurity, #RBIInstructions, #PaymentSystems, #UPIFeature, #DigitalPayments,
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (फाइल फोटो)

RTGS और NEFT में सुधार, अब लाभार्थी का नाम वेरीफाई कर सकेंगे ग्राहक

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब तक RTGS (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) सिस्टम में एक महत्वपूर्ण सुधार का ऐलान किया है। इस सुधार के तहत, अब इन दोनों सिस्टम्स में लाभार्थी के अकाउंट का नाम वेरिफाई करने की सुविधा दी जाएगी। इससे ग्राहकों को एक बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि पहले इन सिस्टम्स में पैसे ट्रांसफर करते समय सिर्फ अकाउंट नंबर और IFSC कोड के आधार पर ट्रांजेक्शन होते थे, जिससे गलत अकाउंट में पैसे जाने की संभावना बनी रहती थी।

आरटीजीएस और एनईएफटी का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, खासकर जब किसी व्यक्ति या संस्था को बड़ी राशि ट्रांसफर करनी हो। अब इस सुधार के बाद, जब आप किसी लाभार्थी का अकाउंट नंबर और IFSC कोड दर्ज करेंगे, तो सिस्टम स्वचालित रूप से उस अकाउंट का नाम भी डिस्प्ले करेगा। इससे लेन-देन करने वाले व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि पैसे सही अकाउंट में जा रहे हैं या नहीं। इस फीचर को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप और बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस नई सुविधा को 1 अप्रैल 2025 तक सभी बैंकों में लागू करने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने यह भी साफ किया है कि यह सुविधा ग्राहकों के लिए पूरी तरह से मुफ्त होगी, और इसे लागू करते समय बैंकों को डेटा प्राइवेसी कानूनों का पूरी तरह से पालन करना होगा।

इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पूरी तरह से UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसी सुविधाओं से मेल खाता है, जो पहले से ही उपयोगकर्ताओं को लाभार्थी का नाम वेरिफाई करने की सुविधा देता है। UPI में यह फीचर पहले से उपलब्ध था, लेकिन अब इसे आरटीजीएस और एनईएफटी के साथ भी जोड़ा जा रहा है, जिससे डिजिटल लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

आरटीजीएस एक रियल-टाइम सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल अधिक राशि के तेज ट्रांसफर के लिए किया जाता है। इसके तहत एक ग्राहक केवल चंद सेकंड में दो लाख रुपये या उससे अधिक की राशि ट्रांसफर कर सकता है। वहीं, NEFT छोटे और मध्यम साइज के लेनदेन के लिए उपयुक्त है। यह सिस्टम बैच-प्रोसेसिंग के आधार पर काम करता है और इसमें कोई न्यूनतम राशि की सीमा नहीं होती।

इस सुधार से बैंकिंग सिस्टम में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी। ग्राहकों को अब बिना किसी चिंता के सही अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा मिलेगी। यह कदम बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का यह नया निर्देश डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में एक अहम बदलाव साबित होगा। अब ग्राहकों को RTGS और NEFT के जरिए पैसे ट्रांसफर करते समय अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। यह सुविधा ग्राहकों के लिए एक बड़ा फायदा लेकर आएगी और धोखाधड़ी की घटनाओं को कम करने में मदद करेगी।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com