“महाकुंभ 2025 में श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़ा ने भव्य शोभायात्रा के साथ छावनी में प्रवेश किया। नागा संन्यासियों और “सूर्य प्रकाश” भाले ने आस्था और आकर्षण का केंद्र बनाया।”
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के आयोजन में प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धा और भक्ति की गंगा बह रही है। बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़ा ने महाकुंभ क्षेत्र में भव्य शोभायात्रा के साथ छावनी प्रवेश किया। अलोपीबाग स्थित अखाड़े के मुख्यालय से शुरू हुई यह यात्रा अनुशासन, परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम बनी।
गणपति के साथ शोभायात्रा का प्रारंभ
अखाड़े की शोभायात्रा में सबसे आगे गणपति की सवारी थी। इसके बाद अखाड़े के परंपरागत देवताओं की झांकी और नागा संन्यासियों का दल दिखाई दिया। शोभायात्रा का नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती ने किया।
नागा संन्यासियों ने बढ़ाई शोभा
शोभायात्रा में नागा संन्यासियों की भव्य उपस्थिति ने श्रद्धालुओं का ध्यान खींचा। यह पहला अवसर था जब नागा संन्यासिनियां भी यात्रा का हिस्सा बनीं। बाल नागा की उपस्थिति ने बच्चों और युवाओं के बीच विशेष आकर्षण पैदा किया।
“सूर्य प्रकाश” भाला बना मुख्य आकर्षण
अटल अखाड़े की शोभायात्रा में सबसे आगे “सूर्य प्रकाश” नामक भाले को रखा गया। फूलों से सजे इस भाले को अखाड़े का इष्ट मानकर महाकुंभ में विशेष स्थान दिया जाता है।
प्रशासन ने किया संतों का स्वागत
महाकुंभ मेला प्रशासन ने शोभायात्रा के मार्ग में कई जगह संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। पांच किलोमीटर की यात्रा पूरी कर अखाड़ा सेक्टर 20 में पहुंचा, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने संतों का आशीर्वाद लिया।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल