“महाकुम्भ 2025 के पहले, महाकुम्भ नगर के सेंट्रल हॉस्पिटल में पहली बार एक कन्या का जन्म हुआ है, जिसका नाम ‘गंगा’ रखा गया है। यह डिलीवरी डॉ. गौरव दुबे की टीम ने सफलता पूर्वक की। इस से पहले, महाकुम्भ के सेंट्रल हॉस्पिटल में पहली डिलीवरी एक बालक की हुई थी। महाकुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से सेंट्रल हॉस्पिटल पहले ही सक्रिय हो गया है।”
महाकुंभनगर। महाकुम्भ 2025 की शुरुआत से पहले ही महाकुम्भनगर स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल ने अपनी स्वास्थ्य सेवाएं देना शुरू कर दिया है। सोमवार को, महाकुम्भ के इस अस्पताल में एक महिला ने पहली बार कन्या को जन्म दिया है। यह कन्या महाकुम्भ में जन्मी पहली बेबी गर्ल है, और इसका नाम ‘गंगा’ रखा गया है। डिलीवरी डॉ. गौरव दुबे के नेतृत्व में की गई, साथ ही डॉ. प्रमिला और डॉ. पोंशी की टीम ने भी अपनी भूमिका निभाई।
इससे पहले, रविवार को महाकुम्भ में पहली डिलीवरी एक बालक की हुई थी, जिसे ‘कुम्भ’ नाम दिया गया था। यह डिलीवरी भी डॉ. गौरव दुबे की टीम ने कराई थी।
महाकुम्भ नगर के सेंट्रल हॉस्पिटल में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से उपलब्ध हैं। इस अस्पताल में 100 बेड का अस्पताल स्थापित किया गया है, जिसमें प्रसव केंद्र, आईसीयू और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं। इस दौरान, अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज भी शुरू हो चुका है।
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महाकुम्भ के परेड स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में मंगलवार को महाकुम्भ में जन्मी पहली कन्या का नाम ‘गंगा’ रखा गया, और यह नाम मां गंगा के आशीर्वाद को दर्शाता है। बांदा जिले की निवासी शिवकुमारी और उनके पति राजेल ने अपनी बेटी का नाम ‘गंगा’ रखा। चिकित्सक ने बताया कि कन्या का वजन 2.8 किलो है, और दोनों जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं।
महाकुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं का ऐसा व्यापक इंतजाम इस क्षेत्र के करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगा।
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