लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस को हाल ही में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी जासूस शहजाद से पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगे हैं। जांच एजेंसी को शहजाद के संदिग्ध बैंक खातों और ऐसे व्यक्तियों की जानकारी मिली है जिनसे वह वित्तीय लेनदेन करता था। इन खातों के जरिए बड़े पैमाने पर लेन-देन होने की पुष्टि हुई है।
शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह एक सामान्य नागरिक की तरह रह रहा था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता था और भारत की गोपनीय सूचनाएं बाहर भेजता था।
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पाकिस्तानी जासूस शहजाद के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच जारी है। सूत्रों के मुताबिक, कई संवेदनशील दस्तावेज और डार्क वेब चैट्स की जानकारी भी सामने आई है।
एटीएस की टीम को जिन बैंक खातों की जानकारी मिली है, वे या तो फर्जी नामों से बनाए गए हैं या अन्य व्यक्तियों के नाम पर चल रहे थे, लेकिन संचालन शहजाद ही कर रहा था। इन खातों में पिछले छह महीनों में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है।
अब एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि इन पैसों का स्रोत क्या था और क्या यह फंडिंग किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। शहजाद के संपर्क में कौन-कौन लोग थे, उनकी पहचान भी की जा रही है।
गौरतलब है कि शहजाद को 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उससे आगे की पूछताछ और संभावित नेटवर्क का खुलासा न्यायालय की अनुमति से किया जाएगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गिरफ्तारी भारत में सक्रिय विदेशी जासूसी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी है। एटीएस इस केस को लेकर अत्यंत गंभीर है और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।