“लाहौर में छाए प्रदूषण ने उत्तर भारत के प्रमुख शहरों को अपनी चपेट में लिया। दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विजिबिलिटी 50 मीटर तक घट गई। जानें, प्रदूषण का कारण और इसके प्रभावों के बारे में।”
नई दिल्ली। पाकिस्तान के लाहौर में फैल रहे विषैले धुएं ने उत्तर भारत के कई राज्यों को प्रभावित किया है। नासा की सैटेलाइट इमेज में लाहौर से निकलने वाले प्रदूषण के बादल अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली और आसपास के शहरों में AQI 400 को पार कर चुका है।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार की सुबह तक अमृतसर में विजिबिलिटी केवल 50 मीटर रही, जबकि अन्य शहरों जैसे हलवारा (लुधियाना), सहारनपुर, अंबाला और चंडीगढ़ में भी दृश्यता में भारी कमी आई। पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर तो विजिबिलिटी जीरो भी दर्ज की गई। इसके चलते दिल्ली और अन्य शहरों से उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। कुछ फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया है, जिनमें जयपुर और लखनऊ जाने वाली फ्लाइट्स शामिल हैं।
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स्विस एयर क्वालिटी कंपनी IQAir के अनुसार, लाहौर में 12 नवंबर को AQI 429 था, और वहां एक इलाके में AQI रीडिंग 720 तक पहुंच गई थी। यह स्थिति न केवल पराली जलाने, बल्कि अनियंत्रित वाहन उत्सर्जन, पुरानी औद्योगिक गतिविधियों और पर्यावरणीय लापरवाही का परिणाम है। प्रदूषण के इस संकट ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा दिया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी भारी बारिश हो रही है, जिससे दक्षिण भारत में मौसम के हालात विपरीत हो गए हैं। इस बारिश के कारण स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं, और कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति है।
दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषण के चलते विजिबिलिटी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। प्रदूषण का संकट अब स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े बताते हैं कि AQI 400 के ऊपर होने से सांस लेने में कठिनाई हो रही है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए। इस संकट से निपटने के लिए नागरिकों से अपील की गई है कि वे घरों के अंदर ही रहें और मास्क पहनकर बाहर निकलें।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल
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