“डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू। राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल और किसान घाट के पास स्थानों का विकल्प। ट्रस्ट गठन के बाद होगा निर्माण।”
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक निर्माण की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है। शहरी विकास मंत्रालय ने स्मारक के लिए कुछ स्थानों का निरीक्षण किया है और परिवार को राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल और किसान घाट के आसपास एक से डेढ़ एकड़ जमीन के विकल्प दिए हैं।
स्मारक के लिए संभावित स्थान:
राजघाट और उसके आस-पास के क्षेत्र को चुना गया है क्योंकि यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मंत्रालय के अधिकारियों ने इन स्थानों का दौरा कर संभावनाओं का मूल्यांकन किया है।
ट्रस्ट का गठन अनिवार्य:
केंद्र की नई नीति के अनुसार, स्मारक निर्माण के लिए जमीन केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है।
- परिवार को सलाह दी गई है कि स्मारक के लिए पहले ट्रस्ट का गठन करें।
- ट्रस्ट बनने के बाद ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।
अगले चरण:
- ट्रस्ट द्वारा आवेदन:
ट्रस्ट आवेदन करेगा और स्थान चयन के बाद सरकार द्वारा जमीन आवंटित की जाएगी। - एमओयू साइन:
जमीन आवंटन के बाद, ट्रस्ट और सीपीडब्ल्यूडी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) साइन किया जाएगा। - डिज़ाइन और निर्माण:
निर्माण का कार्य सीपीडब्ल्यूडी की निगरानी में होगा।
मनमोहन सिंह की विरासत:
डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने 2004-2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की, उनके स्मारक का उद्देश्य उनकी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक उपलब्धियों को सम्मानित करना है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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