“सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि बिना तय प्रक्रिया के घर गिराना गलत है। कोर्ट ने प्रशासन से मुआवजे का आदेश दिया और भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों पर रोक लगाने की बात कही।”
बुलडोजर से घर गिराना अब होगा मुश्किल! सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन से संबंधित अहम फैसले पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी नागरिक अपने घर से बेदखल नहीं किया जा सकता बिना निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के पालन किए। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने यह टिप्पणी की। विशेष रूप से, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराधियों के घरों को गिराना एक न्यायिक कार्रवाई नहीं हो सकती, बल्कि इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई निर्माण अवैध है तो उसे गिराने के लिए प्रशासन को पहले नोटिस जारी करना चाहिए और फिर मामले की सुनवाई के बाद कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, और यदि किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की जाती है, तो उसे सही नहीं ठहराया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए, और यदि कार्रवाई की जाती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सलाह दी कि भविष्य में इस तरह की कार्रवाइयों को डिजिटल पोर्टल के माध्यम से मॉनिटर किया जाना चाहिए।
कोर्ट का यह आदेश मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बुलडोजर एक्शन पर सीधी प्रतिक्रिया है, जहां कई बार इन कार्रवाइयों को आलोचना का सामना करना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए, और यदि कार्रवाई की जाती है तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी सलाह दी कि भविष्य में इस तरह की कार्रवाइयों को डिजिटल पोर्टल के माध्यम से मॉनिटर किया जाना चाहिए।
कोर्ट का यह आदेश मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बुलडोजर एक्शन पर सीधी प्रतिक्रिया है, जहां कई बार इन कार्रवाइयों को आलोचना का सामना करना पड़ा था।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल