ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म ईजमाईट्रिप ने महादेव सट्टेबाजी एप मामले में संस्थापक निशांत पिट्टी पर लगे धनशोधन के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कंपनी ने कहा कि ईजमाईट्रिप महादेव सट्टेबाजी मामला से पिट्टी का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है और यह खबरें निराधार, भ्रामक और तथ्यहीन हैं।
ईडी की ओर से दर्ज रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पिट्टी पर अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क से मिलीभगत का आरोप है और उन्होंने कथित तौर पर उस धन का उपयोग 25 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर मूल्य में हेरफेर के लिए किया। हालांकि, कंपनी ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि महादेव एप से जुड़ी संस्थाओं ने मई 2021 में खुले बाजार से ईजमाईट्रिप के शेयर स्वतंत्र रूप से खरीदे थे।
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कंपनी ने स्पष्ट किया कि शेयरधारक अधिकारों के तहत इन संस्थाओं को दिसंबर 2021 में महज 5 लाख रुपये का लाभांश मिला और इससे इतर कोई लेनदेन नहीं हुआ। कंपनी का यह भी कहना है कि इन संस्थाओं से उसका कोई कारोबारी या परिचालनिक संबंध नहीं है। ईजमाईट्रिप ने यह भी दोहराया कि निशांत पिट्टी का महादेव एप या किसी भी अवैध सट्टेबाजी गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है।
ईडी ने अप्रैल 2025 में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और संबलपुर सहित 55 जगहों पर छापेमारी की थी। इन छापों के बाद निशांत पिट्टी का नाम सामने आने से कंपनी के शेयर पर असर पड़ा और बुधवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 3.99% गिरकर 11.07 रुपये पर आ गए।
ईजमाईट्रिप की ओर से जारी बयान में कंपनी की छवि को बचाने और निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की गई है। इस सफाई के बावजूद निवेशकों में चिंता बनी हुई है, खासकर ऐसे समय में जब जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं और सट्टेबाजी एप महादेव से जुड़े कई कारोबारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है।
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