“साउथ कोरिया में मार्शल लॉ के बाद विरोध प्रदर्शन तेज। राष्ट्रपति यून सुक योल ने सेना को वापस बुलाने की घोषणा की। जल्द ही कैबिनेट मीटिंग कर इमरजेंसी हटाने का फैसला किया जाएगा।”
सियोल: साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल की ओर से मार्शल लॉ लगाए जाने के फैसले के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस विवादित निर्णय ने न केवल देश की जनता, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी तीखी प्रतिक्रिया बटोरी।
विवाद का कारण
मार्शल लॉ की घोषणा के तुरंत बाद सेना ने संसद में घुसकर विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रपति ने यह कहते हुए इस कदम का बचाव किया कि विपक्ष देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त है और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहा है।
विरोध प्रदर्शन
इस फैसले के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई। राजधानी सियोल समेत कई बड़े शहरों में हजारों लोग इकट्ठा हुए और सरकार के इस कदम को लोकतंत्र विरोधी करार दिया। बढ़ते विरोध के कारण राष्ट्रपति को सेना को वापस बुलाने का आदेश देना पड़ा।
राष्ट्रपति का बयान
राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा, “हमारे देश की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन जनता की भावनाओं का भी सम्मान होना चाहिए। हमने सेना को वापस बुला लिया है और जल्द ही कैबिनेट मीटिंग कर स्थिति की समीक्षा की जाएगी।”
अगला कदम
सरकार ने संकेत दिए हैं कि कैबिनेट मीटिंग के बाद इमरजेंसी हटाने पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है और राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग की है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।
विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper,  E-Paper & News Portal