बीजिंग। चीन ने अपने दुश्मनों को पस्त करने के लिए अपना पहला विमान वाहक पोतयुद्ध ‘लियाओनिंग’ तैयार किया है, और यह चीनी नौसेना के लिए बड़ी उपलब्धी है, जिसने समुन्द्र में अपनी ताकत दिखाने के लिए काफी खर्च किया है।
विमानवाहक पोत ‘लियाओनिंग’ के सरकारी विभागाध्यक्ष ने इंटरव्यू में कहा कि जहाज़ दुश्मनों के खिलाफ लड़ने के लिए लगातार तैयार है। इस बयान से संकेत मिलते हैं कि अब जहाज़ का दर्जा ‘परीक्षण और प्रशिक्षण के लिए बने प्लेटफॉर्म’ से अलग हो गया है।
सीनियर कैप्टन ली डॉन्गयू ने संकेत दिए कि जहाज़ में उड्डयन संबंधी सभी ज़रूरतें पूरी हो गई हैं। इसे आधे-अधूरे ढांचे के रूप में 10 साल से भी ज़्यादा वक्त पहले यूक्रेन से खरीदा गया था, और इसे वर्ष 2013 में सेना में शामिल किया गया। ली डॉन्गयू ने यह भी बताया कि 1,000 से भी ज़्यादा गैर-कमीशन्ड अधिकारी लियाओनिंग पर तैनात हैं।
माना जा रहा है कि इससे चीन के दक्षिणी चीन सागर में लगातार बढ़ते दावों को मजबूती मिलेगी, जिन्हें अमेरिकी तथा अन्य नौसेनाओं से लगातार चुनौती मिल रही है। हालाँकि लियाओनिंग की युद्धक क्षमता अब भी अमेरिकी विमानवाहक पोतों से कम है, लेकिन उसके ट्रेनिंग तथा रखरखाव ऑपरेशनों की तारीफ पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारियों तक ने की, जिन्होंने मिलिटरी एक्सचेंज के दौरान लियाओनिंग का दौरा किया।
इस समय चीन अपना दूसरा ‘पूरी तरह स्वदेशी’ विमानवाहक पोत बना रहा है।