उज्जैन। सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। राजाधिराज ने चंद्रमौलेश्वर रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण किया। मंदिर के सभा मंडप में प्रभारी प्रशासक व एडीएम अवधेश शर्मा, सहायक प्रशासक प्रीति चौहान ने भगवान की पूजा की। इसके बाद पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना हुई।
सवारी में सशस्त्र बल की टुकड़ी, पुलिस बैंड, पुलिस का अश्वरोही दल, भजन मंडली तथा झांझ व डमरू दल शामिल थे। जिस मार्ग से भी पालकी गुजरी जय महाकाल के घोष से गगन गुंजायमान हो गया। महाकाल घाटी, गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए सवारी करीब 4.40 बजे मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।
यहां पुजारियों ने भगवान महाकाल तथा शिप्रा का पूजन किया। पूजा के बाद सवारी गंधर्वघाट, गणगौर दरवाजा होते हुए पुन: मंदिर पहुंची। सहायक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया की 28 नवंबर को महाकाल की शाही सवारी निकली जाएगी।
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