“चिनाब पुल पर 110 किमी/घंटा की रफ्तार से ट्रायल ट्रेन का सफल परीक्षण हुआ, जो जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस ट्रैक पर 1100 फीट ऊंचे पुल पर ट्रेन ने सफलता पूर्वक यात्रा की, जिससे कश्मीर के लिए सीधी रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।”
नई दिल्ली। जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन पर ट्रायल ट्रेन का आखिरी परीक्षण सफल रहा है, जिससे इस रेल परियोजना की शुरुआत नजदीक आ गई है। यह रेल ट्रैक विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण कटरा-बनिहाल खंड पर स्थित है, जहां 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन ने 1100 फीट ऊंचे चिनाब पुल से सफलता से गुजरते हुए इतिहास रचा।
चिनाब पुल की महत्ता और ट्रायल की सफलता
चिनाब पुल, जो देश के सबसे ऊंचे पुलों में से एक है, समुद्र तल से 359 मीटर (1178 फीट) ऊंचा है और इसकी लंबाई 1315 मीटर (4314 फीट) है, पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। इस पुल पर ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया, और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए इस सफलता की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने कहा, “चिनाब पुल पर 110 किमी/घंटा की रफ्तार से ट्रायल ट्रेन का सफल परीक्षण हुआ है, यह वाकई में एक ऐतिहासिक दिन है। जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन जल्द ही चालू होने के लिए तैयार है।”
आखिरी ट्रायल रन की सफलता
रेल रूट पर यह आखिरी ट्रायल रन 8 जनवरी को किया गया था। ट्रेन सुबह 10:30 बजे कटरा स्टेशन से रवाना हुई और महज डेढ़ घंटे में बनिहाल स्टेशन पहुंच गई। यह ट्रैक 180 डिग्री की चढ़ाई वाला था, जिसे पार करना एक बड़ी चुनौती था, लेकिन ट्रायल सफल रहा। इस सफलता ने कश्मीर के लिए सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की राह को और भी आसान बना दिया है।
चुनौतियां और भविष्य की योजना
इस ट्रैक पर अब तक 6 ट्रायल रन पूरे किए जा चुके हैं। हालांकि, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) दिनेश चंद देशवाल ने यह स्पष्ट नहीं किया कि रेल सेवाएं कब शुरू होंगी, लेकिन उन्होंने कहा कि सभी ट्रायल संतोषजनक रहे हैं। अब इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
रेल मंत्री की ओर से साझा किया गया वीडियो
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक पल का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें ट्रेन तेज रफ्तार से चिनाब पुल से गुजरती दिख रही है। इसके बाद अब कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधी रेल सेवाओं की शुरुआत की उम्मीद और भी मजबूत हो गई है।
निवेश और लागत
इस परियोजना की अनुमानित लागत 14,000 करोड़ रुपये है और इससे न केवल कश्मीर के विकास को गति मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएं भी मुहैया कराएगा।