कानपुर। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की 93वीं वार्षिक आमसभा (एजीएम) 29 सितंबर को बेंगलुरु में होने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश की सहभागिता के लिए उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) अपना प्रतिनिधि भेजेगा। इस प्रतिनिधि की नियुक्ति यूपीसीए की एजीएम में होती है, लेकिन यूपीसीए ने अभी तक एजीएम की तारीखों का एलान ही नहीं किया। नियमों के अनुसार 30 सितम्बर तक एजीएम सम्पन्न हो जानी चाहिये और एजीएम के लिए 21 दिन पूर्व एसोसिएशन के सदस्यों को नोटिस भेजा जाना अनिवार्य है, जो अभी तक नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि बीसीसीआई की एजीएम में शामिल होने के लिए यूपीसीए नियमों का पालन कर पाएगा? या दूसरे रास्ते को अख्तियार कर प्रतिनिधि की नियुक्ति होगी और वही प्रतिनिधि बीसीसीआई की एजीएम में शामिल होगा।
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उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा (एजीएम) अब अगले महीने ही होने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि नियमों के अनुसार 30 सितंबर तक एजीएम सम्पन्न हो जानी चाहिए, लेकिन एसोसिएशन के भीतर अभी भी एजीएम के लिए सुगबुगाहट नहीं सुनायी दे रही है। एजीएम के लिए एसोसिएशन की ओर से अभी तक किसी भी सदस्य और पदाधिकारियों को किसी प्रकार का नोटिस जारी नहीं किया गया है। नियमों के अनुसार एजीएम के 21 दिन पूर्व एसोसिएशन के सदस्यों को नोटिस भेज दिया जाना चाहिए और सदस्य उसका इंतजार कर रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने की दिशा में देखते हुए कई जिला संघ के सदस्यों ने बीसीसीआई से यूपीसीए को डिबार्ड करने की अपील की है। बोर्ड को भेजे गए शिकायती पत्र और मेल में यह बताया गया है कि नियमों का उल्लंघन करने में सबसे ऊपर प्रदेश संघ है जिसको पूर्व सचिव अपने स्तर से चलाने का पूरा प्रयास करते आ रहे हैं। बीसीसीआई की एजीएम में एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी अभी तक किसी भी सदस्य की नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि इस बार बीसीसीआई की एजीएम में भेजे जाने वाले प्रतिनिधि की नियुक्ति के लिए यूपीसीए दूसरा रास्ता अख्तियार कर सकता है या यू कहें कि अपनी एजीएम से पहले ही कर देगा। इसके बाद जब बीसीसीआई की एजीएम खत्म हो जाएगी तो यूपीसीए अपनी एजीएम बुलाएगा और उसमें नियुक्त किये गये प्रतिनिधि की घोषणा कर औपचारिकता निभा देगा।
बीसीसीआई 2021 में यूपीसीए को कर चुका है बाहर
गौरतलब है कि यूपीसीए के दो पूर्व सचिवों के बीच तनातनी का माहौल चल रहा है जिसके चलते इस वर्ष समय से एजीएम नहीं हों पाई है। इससे पहले भी कई विवादों के चलते 42 वर्षों में पहली बार साल 2021 में यूपीसीए को बीसीसीआई की एजीएम से बाहर कर दिया गया था। इस बार एसोसिएशन के जिम्मेदार इस मसले पर गंभीर हो गये हैं। सभी तरह के विद्रोही सुरों को समायोजित करने का प्लान तैयार कर लिया गया है। वहीं यूपीसीए ने 25 सितंबर को अपेक्स कमेटी की बैठक बुलाई है। लखनऊ में होने वाली इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यूपीसीए के सूत्र बताते हैं कि साल में चार बार एपेक्स कमेटी की बैठक अनिवार्य है जबकि इस बार के सत्र में केवल तीसरी बार ही इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है जो भी नियमों के विरुद्ध है। माना जा रहा है कि इस बैठक में एजीएम की तारीख भी तय की जा सकती है।
यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार एसोसिएशन की एजीएम बैठक को लेकर फिलहाल कोई तारीख तय नहीं की गई है। लखनऊ में होने वाली बैठक में तारीख निश्चित की जा सकती है। ऐसे में अब लगभग तय है कि बीसीसीआई की होने वाली एजीएम के बाद ही यूपीसीए की एजीएम होगी।
यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि एसोसिएशन के सदस्य और पदाधिकारी यूपीपीएल में व्यस्त रहे, इसलिए एजीएम नहीं हो सकी और प्रदेश एसोसिएशन जल्द ही एजीएम कर अहम निर्णय लेगा।