अमेरिका में चार साल तक कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार एक भारतवंशी मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने में कामयाब रही। अमेरिका की एक अदालत ने भारतीय मूल के छात्र प्रवीण वर्गीस की हत्या के अपराध में पिछले हफ्ते गेज बेथुने को दोषी करार दिया। प्रवीण की मां लवली वर्गीस ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “प्रवीण की आत्मा को अब शांति मिलेगी।”
वर्ष 2014 में इलिनॉयस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 19 साल के प्रवीण का शव कारबोंडले शहर के जंगल में मिला था। प्रवीण पांच दिन से लापता था। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि प्रवीण की मौत ज्यादा सर्दी की वजह से हुई। लेकिन लवली इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुई। उन्होंने पुलिस पर दोबारा जांच का दबाव बनाया।
लवली ने प्रवीण के शव की स्वतंत्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। इस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने प्रवीण को न्याय दिलाने का अभियान चलाया। सीनेटर डैनी के डेविस ने भी इस अभियान का समर्थन किया। दबाव में आकर प्रशासन ने प्रवीण की मौत की दोबारा जांच का आदेश दिया।
गेज ने कोर्ट में माना कि पार्टी से लौटते वक्त उसका पैसों को लेकर प्रवीण से झगड़ा हो गया था। इसी कहासुनी में उसने प्रवीण के सिर पर कई घूंसे मारे थे और उसे जख्मी हालत में छोड़कर भाग गया था। सिर में लगी गहरी चोट के कारण प्रवीण की मौत हो गई थी। गेज को इस अपराध के लिए 20 से 60 साल तक की सजा हो सकती है।
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