हांगझोउ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय संवाद में ब्रिक्स को एक प्रभावशाली आवाज करार दिया है। उन्होंने आज कहा कि यह ब्रिक्स (ब्राजील, रुस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह वैश्विक एजेंडा को आकार दे, जिससे विकासशील राष्ट्रों को अपने उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिल सके। मोदी ने गोवा में 15-16 अक्तूबर को होने वाले आठवें शिखर सम्मेलन से पहले यहां चीन के पूर्वी शहर में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्रिक्स नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिक्स के रुप में हम अंतरराष्ट्रीय बातचीत या संवाद में एक प्रभावशाली आवाज है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को आकार देना हमारी साझा जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को हमें साझा रुप से इस प्रकार से आकार देना चाहिए जिससे विकासशील राष्टों को अपने उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिल सके।” ब्रिक्स में पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। दुनिया की आबादी का 43 प्रतिशत इन देशों में रहता है। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में इन देशों का हिस्सा 37 प्रतिशत का है। वैश्विक कारोबार में ब्रिक्स की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें दायित्वपूर्ण, समावेशी और सामूहिक समाधान का निर्माण करने का विषय चुना है। जी-20 शिखर सम्मेलन में यह केंद्रीय प्राथमिकताओं में होंगे।”
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