श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को यह बयान देकर विवाद पैदा कर दिया कि कश्मीर में हथियारबंद लड़ाकों की नई पीढ़ी ‘आजादी’ के लिए लड़ रही है।
यहां नेशनल कांफ्रेंस मुख्यालय में हुए एक कार्यक्रम में फारूक ने कहा, ‘ये लड़के निकले हैं। हर शख्स जीना चाहता है। कोई मरना नहीं चाहता। उन्होंने अल्लाह से वादा किया है कि जिंदगी और मौत का फैसला आप करिए, लेकिन हम इस देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करेंगे।’
फारूक ने कहा कि कश्मीरियों की नई पीढ़ी बेखौफ है और वह ‘बंदूकों से नहीं डरती।’ उन्होंने कहा, ‘एक नई पीढ़ी पैदा हुई है जिसे बंदूकों से डर नहीं लगता। यह इस देश के लिए आजादी हासिल करने की कोशिश कर रही है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘कुर्बानी दे रहे’ लड़के विधायक, सांसद या मंत्री नहीं बनना चाह रहे।
उन्होंने कहा, ‘वे अपने हक की मांग के लिए कुर्बानी दे रहे हैं। (वे कहते हैं) यह हमारी सरजमीं है और हम ही इसके वाजिब मालिक हैं, लेकिन वे (भारत और पाकिस्तान) इसे नहीं समझते।’
फारूक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे इन कुर्बानियों को न भुलाएं। भारत और पाकिस्तान दोनों पर बरसते हुए फारूक ने कहा कि दोनों देशों ने कश्मीरियों के साथ ‘इंसाफ नहीं किया।’
उन्होंने कहा, ‘हम किसी के दुश्मन नहीं हैं…..यह लड़ाई 1931 में शुरू हुई। लेकिन हम दोनों देशों से कहते हैं कि हमारे साथ इंसाफ करो। आप तो 1948 में किया गया वादा भी भूल गए।’