नई दिल्ली । क्या आप उन लोगों में से हैं, जिनके नाम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट में जारी किए गए हैं, जबकि आपने बहुत छोटी राशि ही नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा की है।
ऐसे में आपको किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार 18 लाख लोगों से जुड़े डेटा का अभी विश्लेषण करने में जुटी है। ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें आयकर विभाग की ओर से मेसेज या ई-मेल मिला है।
यह सरकार की ओर से उस डेटा एनालिसिस का हिस्सा है, जिसके तहत बैंकों में जमा राशि और टैक्स डिटेल का मिलान किया जा रहा है। ऐसे खातों में ब्लैक मनी जमा होने का संदेह जताया जा रहा है। हालांकि टैक्स डिपार्टमेंट ने इन डिपॉजिट्स पर ऑनलाइन जवाब के लिए 15 फरवरी तक की छूट दी है। पहले आयकर विभाग ने 10 फरवरी तक का ही वक्त दिया था।
ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके नाम 5 लाख या उससे अधिक की राशि जमा करने वालों में हैं, लेकिन अब इन्हें लगता है कि डेटा गलत है। इन लोगों ने समस्या से निपटने के लिए टैक्स अथॉरिटीज से संपर्क किया है। इन लोगों के नामों को पिछले महीने के अंत में वेबसाइट पर जारी किया गया था और ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को जवाब देने के लिए 10 दिन तक का वक्त दिया गया था। बैंकों की ओर से आईटी डिपार्टमेंट को सौंपे गए 18 लाख खातों में 4.2 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा है।
एक सीनियर सरकारी अफसर ने कहा, ‘यह टैक्स नोटिस नहीं है। हम सिर्फ यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि बैंकों की ओर से साझा किए गए डेटा विश्वसनीय हैं या नहीं। सभी लोगों से जवाब देने का अनुरोध किया गया ह। यदि बैंकों की ओर से दी गई जानकारी गलत पाई जाती है तो किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा और उनका पीछा नहीं किया जाएगा।’
Income Tax department कुछ जादा सक्रियता दिखा रहा है , इससे वो लोग जिन्होने कोई कालाधन न कमाया न जमा किया दहसत में हैं और वे लोग जो कालेधन्धो में अभ्यस्त हैं बहुत अच्छे से जानते है कि IT department के बाबुओ को कैसे handle करना है । आधे से अधिक कालेधन्धे और कालाधन का कार्य IT से मिलजुल कर किया जाता है…
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