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इस बार नकलचियों का खेल ख़त्म, बदल सकता है यूपी बोर्ड का पैटर्न

लखनऊ। इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हाईस्कूल और इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा में नकल माफियाओं का खेल पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी में है। इसके लिए कक्षा नौ और 11 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से लेकर प्रवेश पत्र जारी करने तक पैटर्न में बदलाव करने जा रहा है। इस बारे में अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बोर्ड की ओर से अभी इस संबंध में तैयारी चल रही है। इस बार कक्षा नौ से 11 में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने से पहले कॉलेज प्रबंधनों को उनके यहां पढ़ रहे छात्रों की संख्या के साथ पूरा ब्योरा देना होगा। उसके बाद वह छात्रों का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। उसके बाद अगर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि से कोई भी छात्र की संख्या बढ़ती है तो उसके बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक को अवगत कराना होगा। इसके अलावा छात्रों के प्रवेश पत्र भी ऐसे जारी करने की तैयारी है कि बाहर से कोई भी फर्जी प्रवेश पत्र न तैयार किया जा सके। इसे परीक्षा के दौरान ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के भी परिचय पत्र शामिल होंगे। जिससे नकल माफिया अपने शिक्षकों की ड्यूटी फर्जी परिचय पत्र के सहारे न लगवा सके। इस बार जिला विद्यालय निरीक्षकों को औचक निरीक्षण करने के आदेश जारी किए जायेंगे। ताकि वह विद्यालयों में जायें और यह सुनिश्चित करें कि कॉलेजों ने जितने भी छात्रों का रजिस्ट्रेशन कराया है उतने बच्चे हकीकत में पढ़ने के लिए आ रहे हैं कि नहीं साथ ही छात्रों की उपस्थित का रजिस्टर भी चेक किया जायेगा। ऐसे में अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी पकड़ी जायेगी तो उस विद्यालय प्रबंधन को अपनी मान्यता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। दरअसल हर साल कोचिंग संचालक या फिर नकल माफिया बाहरी छात्रों के निजी मान्यता प्राप्त कॉलेजों से फॉर्म भरवा देते थे। और कॉलेज भी अपने यहां अधिक छात्रों की संख्या दिखाने तथा मोटी कमायी के चक्कर में फॅार्म भरवा भी लेते थे। उसके बाद काफी संख्या में ऐसे भी छात्र होते थे जो कि गारंटी से पास होने के लिए मोटी रकम चुकाते थे। जिसके बाद नकल का खेल शुरू होता था। इसके लिए नकल माफिया हर संभव प्रयास करता था। जिसमें केन्द्र व्यवस्थापक से सेटिंग से लेकर अपने कक्ष निरीक्षकों की तैनाती तक खेल होता था। जो कि शिक्षा विभाग के लिए परीक्षा के दौरान नकल रोक पाना एक बड़ी चुनौती बन जाता है।

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