हांगझोऊ। चीन में पीएम मोदी आयोजित जी-20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए थे। यहां देश के ग्रुप का फोटो सेशन हुआ था, इसमें मोदी को जिस स्थान पर खड़ा किया, उससे यही पता चलता है कि चीन की नजर में मोदी कितने अहम है। इस फोटो में 21 देशों के प्रमुखों के अलावा इसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 7 प्रतिनिधी और अतिथि देशों के 8 नेता भी हैं।बीजिंग स्थित प्रतिष्ठित रेनमिन यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ के विश्लेषण के मुताबिक ग्रुप फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहली कतार में जगह मिलना, चीन की नजरों में उनकी ताकत और प्रभाव को दर्शाता है। पहली लाइन में मोदी के साथ 13 नेता थे। इसमें 11 राष्ट्र प्रमुख भी थे। अगले मेजबान जर्मनी की चांसलर एंगला मर्केल और पिछले मेजबान देश तुर्की के राष्ट्रपति भी इसी लाइन में थे। इस सम्मेलन में चीन ने हर नेता को उसके महत्व के हिसाब से जगह दी है। पहली लाइन में प्रधानमंत्री खड़े नजर आ रहे हैं। ऐसे में यह उनके रूतबे और ताकत को दिखाता है। 2002 के बाद पहली बार भारत को पहली कतार में जगह मिली है।प्रोफेसर वांग ने दुनियाभर के 36 शक्तिशाली नेताओं का विश्लेषण किया है, जिसमें मोदी भी शामिल है। उनका कहना है कि मोदी को नियमानुसार दूसरी पंक्ति में स्थान देना था, लेकिन चीन ने फोटो के लिए मोदी को पहली पंक्ति के काबिल माना और यही कारण रहा कि पीएम मोदी और भारत की ताकत दुनियाभर को इस फोटो सेशन के माध्यम से नजर आई।