जकार्ता। जकार्ता के ईसाई गवर्नर बासुकी त्जहाजा पूर्णामा पर ईशनिंदा का मुकदमा चलाया जा रहा है। इंडोनेशिया में इस अपराध के लिए पांच साल तक की कैद का प्रावधान है।
दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश इंडोनेशिया में उनकी टिप्पणियों से नाराजगी फैल गई थी और इस मामले को देश में धार्मिक सहिष्णुता के परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा है।
आलोचकों का कहना है कि इसके पीछे राजनीति है और गवर्नर के विरोधी उनके खिलाफ गुस्सा भड़काना चाहते हैं ताकि उनके समर्थक कम हो जाएं। पूर्णामा बीती आधी सदी में जकार्ता के पहले गैर-मुस्लिम गवर्नर हैं और देश के छोटे से अल्पसंख्यक चीनी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
भीड़भाड़ भरे, असंगठित और प्रदूषित जकार्ता को बेहतर बनाने के लिए दृढप्रतिज्ञ पूर्णामा बेहद लोकप्रिय हैं। लेकिन कट्टरपंथी इस्लामी समूहों की ओर से उनकी लगातार आलोचना की जाती है क्योंकि उन्हें यह पसंद नहीं है कि किसी गैर मुस्लिम को इंडोनेशिया की राजधानी का प्रभार दिया जाए।
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