अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब मुस्लिम बहुल 7 देशों के लोगों पर अमेरिका में प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया तो हड़कंप मच गया. इसकी काफी आलोचना भी हुई तो कुछ देशों ने इसे अमेरिका का अंदरूनी मामला बताया. इधर एक मुस्लिम बहुल देश सऊदी अरब ने पिछले 4 महीनों में तकरीबन 39 हजार पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से निकाल दिया है.
सऊदी अरब ने वीजा उल्लंघन के मामलों में महज चार माह के दौरान तकरीबन 39 हजार पाकिस्तानियों को उनके देश वापस भेज दिया. यहां तक कि एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी को आदेश दिया गया है कि पाकिस्तानियों को देश में दाखिल होने की इजाजत देने से पहले उनकी गहन जांच की जाए क्योंकि अंदेशा है कि उनमें से कुछ आईएसआईएस के हमदर्द हो सकते हैं.
सऊदी गजट ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि रिहायश और कार्य के नियमों के उल्लंघन के मामलों में तकरीबन 39000 पाकिस्तानियों को वापस भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक दाएश के इशारे पर कुछ आतंकवादी कार्रवाइयों में कई पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता चिंता का विषय है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि बहुत से पाकिस्तानी नागरीक नशीली पदार्थों की तस्करी, चोरी, जालसाजी और हिंसा के अपराधों में पकड़े गए हैं. इसके मद्देनजर शूरा काउंसिल की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल-सदाउन ने सउदी अरब में काम के लिए नियुक्ति से पहले पाकिस्तानियों की गहन जांच का आह्वान किया है.
अल-सदाउन ने कहा, ‘अफगानिस्तान से नजदीकी की वजह से पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है. तालिबान चरमपंथी आंदोलन ने खुद पाकिस्तान में जन्म लिया था.’