इस्लामिक स्टेट की कैद से बच निकलने में सफल रही एक इराकी युवती को संयुक्त राष्ट्र ने अपना सद्भावना दूत बनाया है। इस लड़की को आईएस आतंकियों ने यौन दासी बना रखा था। 23 वर्षीय नादिया मुराद बसी ताहा को मादक पदार्थ एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) की सद्भावना दूत नामित किया गया है। आईएस की कैद में उन्हें बलात्कार और अन्य प्रताड़नाएं झेलनी पड़ी थीं। यह पहला मौका है, जब इस तरह के अत्याचार की शिकार हुई किसी महिला को यह सम्मान प्रदान किया गया है। नादिया को मानव तस्करी के जाल से बचे लोगों के सम्मान में यह पद दिया गया है। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का उम्मीदवार भी माना जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने विश्व संस्था के मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित समारोह में कहा, नादिया, यजीदी लोगों और हर जगह मानव तस्करी का शिकार हुए लोगों को सम्मानजनक जीवन जीने देने के अधिकार की वकालत करती हैं।
नादिया को इराक के सिंजर शहर के पास स्थित उनके गांव कोचो से अगस्त 2014 में अगवा कर आईएस के नियंत्रण वाले मोसुल शहर ले जाया गया था।