Monday , April 29 2024

कौन हैं सत्यपाल मलिक, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर बढ़ा दी राजनीतिक हलचल

 जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अचानक तब सुर्खियों मे आ गए, जब उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग कर दी. ये तब हुआ जब पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने का घोषणा कर चुके थे. वहीं, बीजेपी के पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे थे. इन सारे घटनाक्रम के बीच जम्मू कश्मीर की राजनीति में हलचल बढ़ी, लेकिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ऐन वक्त पर विधानसभा भंग करके सबको चौका दिया. इसी साल सितंबर माह में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी सत्यपाल मलिक को दी गई थी. इससे पहले वे बिहार राज्यपाल थे.

बिहार के भी रह चुके हैं राज्यपाल
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद बिहार का राज्यपाल बनाया गया था. बिहार के राज्यपाल पद की चार अक्तूबर 2017 को शपथ लेने से पहले वह भाजपा किसान मोर्चा के प्रभारी थे. राज्यपाल बनने से पहले वो बीजेपी में किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे थे. 72 साल के सत्यपाल मलिक करीब-करीब सभी राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़े रहे हैं. उन्होंने छात्र समाजवादी नेता के तौर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. पिछले साल बिहार का राज्यपाल नियुक्त किए जाने से पहले वह बीजेपी के उपाध्यक्ष थे.

कौन है सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय से हैं. राममनोहर लोहिया से प्रेरित मलिक ने मेरठ यूनिवर्सिटी में एक छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह उत्तर प्रदेश के बागपत में 1974 में चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से विधायक चुने गए थे. इसके अलावा वह 1980 से 1992 तक राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं.

2004 में हुए थे BJP में शामिल
सत्यपाल मलिक 1984 में कांग्रेस में शामिल हो गए और इसके राज्यसभा सदस्य भी बने लेकिन करीब तीन साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने छात्र समाजवादी नेता के तौर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह वीपी सिंह की जनता दल में 1988 में शामिल हुए और 1989 में अलीगढ़ से सांसद चुने गए. वह 21 अप्रैल 1990 से 10 नवंबर 1990 तक केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे थे. साल 2004 में मलिक बीजेपी में शामिल हुए थे और लोकसभा चुनाव लड़े. लेकिन इसमें उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह से शिकस्त का सामना करना पड़ा. वह 21 अप्रैल 1990 से 10 नवंबर 1990 तक केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे थे.

51 साल में राज्यपाल नियुक्त होने वाले प्रथम राजनीतिक नेता
कर्ण सिंह के बाद वह पिछले 51 साल में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त होने वाले प्रथम राजनीतिक नेता हैं. कर्ण सिंह का कार्यकाल 1967 में समाप्त हुआ था. साल 1967 से इस पद पर सिर्फ सेवानिवृत्त नौकरशाह, राजनयिक, पुलिस अधिकारी और थल सेना के जनरल काबिज रहे थे.

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com