नई दिल्ली: भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को पुद्दुच्चेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। रविवार को राष्ट्रपति के कार्यालय से एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई। दिल्ली की पूर्व कमिश्नर और वर्तमान में किरण बेदी बीजेपी की नेता हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह इस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार भी रह चुकी हैं। हालांकि बाद में पार्टी की हार के पीछे इस फैसले को ही एक वजह के तौर पर देखा गया।
मैं इस उम्मीद पर खरी उतरूंगी : बेदी
इस मौके पर एनडीटीवी से बातचीत में बेदी ने कहा ‘शासन प्रणाली की बात है तो मुझ पर विश्वास किया जा सकता है। मैं इस उम्मीद पर खरी उतरूंगी। अच्छी बात यह है कि यह एक केंद्रीय शासित प्रदेश है यानि करने के लिए बहुत कुछ होगा।’ भारत की पहली आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने 35 साल तक पुलिस में सेवा देने के बाद राजनीति में कदम रखा।
उप राज्यपाल कार्यालय के काम से खासी वाकिफ हूं : किरण बेदी
उनका कहना है कि दिल्ली के पूर्व एलजी तेजिंदर खन्ना के कार्यकाल के दौरान वह सचिव रही थीं, इसलिए वह इस कार्यालय के कामकाज से ख़ासी वाकिफ हैं। वह बताती हैं ‘उस वक्त मैंने पुलिसिंग के अलावा नगर निगम और शिकायत निवारण का काम संभाला था।’ बता दें कि गुरुवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए, जिसमें पुदुच्चेरी की 30 सीटों में से 15 पर कांग्रेस ने कब्ज़ा जमाया जबकि उसकी गठबंधन पार्टी डीएमके ने दो सीटें जीती।
सरकार के फैसले पर जताया आभार
राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘श्रीमती किरण बेदी को उनके पदभार संभालने की तारीख के प्रभाव से पुदुच्चेरी का राज्यपाल नियुक्त करते हुए राष्ट्रपति प्रसन्नता महसूस करते हैं।’ 66 साल की किरण ने कहा, ‘मैं इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए अपना शत प्रतिशत दूंगी। मैं देश के फायदे के लिए काम करंगी। मैं हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी। मैं सरकार के फैसले के प्रति आभारी हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।’ तीन दिन पहले ही 30 सदस्यीय पुदुच्चेरी विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने 17 सीटें हासिल की हैं। अन्नाद्रमुक ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीतीं, वहीं भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी।
मोदी सरकार ने संप्रग सरकार द्वारा उप राज्यपाल बनाए गए वीरेंद्र कटारिया को हटा दिया था
नरेंद्र मोदी सरकार ने गत 12 जुलाई को संप्रग सरकार द्वारा उप राज्यपाल बनाए गए वीरेंद्र कटारिया को नियुक्ति के महज एक साल बाद ही हटा दिया था, जिसके बाद से यह पद खाली पड़ा था। अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के उप राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह को पुदुच्चेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। नौ जून, 1949 को जन्मी बेदी ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान की कमान संभाली थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के आगे उन्हें जबरदस्त शिकस्त का सामना करना पड़ा। 1972 बैच की आईपीएस अधिकारी बेदी ने 2007 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उस समय वह पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो में महानिदेशक थीं।
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक का मिल चुका है सम्मान
खेल प्रेमी और लेखिका किरण को रैमन मैग्सायसाय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र के पदक से भी विभूषित हो चुकी हैं। साल 2011 में तत्कालीन संप्रग सरकार के खिलाफ चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अन्ना हजारे और केजरीवाल के साथ वह भी मुख्य चेहरा थीं।
बेदी इस केंद्रशासित प्रदेश की चौथी महिला उप राज्यपाल होंगी
किरण बेदी ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 1993 में आईआईटी दिल्ली के सामाजिक विज्ञान विभाग से पीएचडी किया। बेदी ने कहा कि वह आईपीएस में केंद्र शासित (यूटी) कैडर में थीं और वह हमेशा पुदुच्चेरी जाना चाहती थीं। उन्होंने बताया, ‘मैं मिजोरम, गोवा, चंडीगढ़ में पदस्थ रही, लेकिन अंडमान और पुदुच्चेरी नहीं जा सकी। यह अच्छा मौका है। यह मेरे अपने कैडर का हिस्सा है।’ बेदी ने कहा कि उनके लिए उपराज्यपाल का कार्यालय उस राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की पूरी स्वीकार्यता के लिए होगा। बेदी इस केंद्रशासित प्रदेश की चौथी महिला उप राज्यपाल होंगी। चंद्रवती पुदुच्चेरी की पहली महिला उपराज्यपाल थीं और फरवरी से दिसंबर 1990 तक की छोटी अवधि में वह पद पर रहीं। उसके बाद 1995 से 1998 तक राजेंद्र कुमारी बाजपेयी इस पद पर रहीं। 1998 से 2002 तक पुदुच्चेरी की राज्यपाल रजनी राय रहीं।