गोरखपुर स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्वास्थ्य सेवाएं इस समय गंभीर संकट का सामना कर रही हैं। अधिकारियों और डॉक्टरों के पुत्रमोह और फर्जी दस्तावेजों से की गई तैनातियों ने पूरे सिस्टम को बदहाल कर दिया है, जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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मुख्य बिंदु:
- फर्जी दस्तावेजों से नियुक्तियां:
अधिकारियों और डॉक्टरों द्वारा पुत्रमोह के चलते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैनातियां की गई हैं। इस लापरवाही के कारण एम्स की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। - रेडियोथेरेपी मशीनों की स्थिति:
एम्स गोरखपुर में रेडियोथेरेपी जैसी महत्वपूर्ण मशीनों को चूहे कुतर रहे हैं, जिससे कैंसर के मरीजों का इलाज बाधित हो रहा है। इस तकनीकी खामी के चलते मरीज हाथ मलते रह जाते हैं, लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। - मरीजों को हो रही कठिनाइयां:
अस्पताल की इस बदहाली की वजह से मरीजों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए आए कैंसर मरीज रेडियोथेरेपी मशीनों की खराब स्थिति के कारण समय पर इलाज नहीं पा रहे हैं। - स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली:
गोरखपुर एम्स की इस बदहाल स्थिति ने पूरे चिकित्सा तंत्र को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। आवश्यक चिकित्सा सेवाएं न मिलने से मरीजों की जान पर बन आई है, और इसकी वजह से अस्पताल की छवि भी खराब हो रही है।
गोरखपुर एम्स की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को शीघ्र कदम उठाने की जरूरत है, ताकि मरीजों को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके।
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