लखनऊ। सपा में चल रही उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को मुलायम सिंह यादव के साथ आपसी विवाद को लेकर करीब साढ़े तीन घंटे वार्ता की।
हालांकि, इस वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच प्रो. रामगोपाल ने कहा कि बैठक असफल रही। इसमें कोई समझौता नहीं हुआ।
रामगोपाल ने कहा कि अब चुनाव आयोग ही फैसला करेगा। उन्होंने कहा अब बातचीत का कोई मतलब नहीं रह गया है। हम चुनाव आयोग जा चुके हैं।
इस मामले पर अब चुनाव आयोग ही फैसला करेगा। दरअसल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद मुलायम सोमवार को चुनाव आयोग गये थे। उन्होंने अपने को ही पार्टी अध्यक्ष बताते हुए चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना दावा ठोका था।
अखिलेश खेमे से भी रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल समेत कई नेता मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचे और दावा पेश किया कि सपा के असली अध्यक्ष अखिलेश अध्यक्ष हैं। इन लोगों का दावा है कि अखिलेश को 90 प्रतिशत विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के बाद मुलायम मंगलवार को जब लखनऊ वापस लौटे तो अखिलेश यादव उनसे मिलने पहुंच गये। दोनों लोगों के बीच परिवार में चल रहे विवाद को लेकर करीब साढ़े तीन घंटे वार्ता हुई। थोड़ी देर बाद शिवपाल भी बैठक में पहुंच गये।
सूत्रों के अनुसार अखिलेश ने वार्ता के दौरान शर्त रखी कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे लेकिन टिकट बंटवारे का अधिकार अखिलेश और मुलायम के बीच ही रहे। अखिलेश की एक शर्त यह भी है कि शिवपाल को संगठन में राष्ट्रीय पद दिया जाये।
बताया जाता है कि अखिलेश की शर्तों पर जब बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री अपने आवास लौट आये। हालांकि शिवपाल अभी भी मुलायम के आवास पर ही हैं।
इस बीच खबर आयी है कि मुलायम के करीबी नेता और सरकार में कैबिनेट मंत्री बलराम यादव मुख्यमंत्री अखिलेश से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं। मो.आजम खान भी एक बार फिर दोनों पक्षों में सुलह कराने को लग गये हैं।