चीन के बेल्ट एवं रोड प्रोजेक्ट के तहत, इस परियोजना के वित्त पोषण पर दीर्घकालिक वार्ता के बाद गुरुवार को बीजिंग और ने-पी-टॉ के बीच इस सौदे पर मुहर लगी है।
गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह का निर्माण कर रहा है और श्रीलंका में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए लीज पर लिया है। इसके अलावा, वो बांग्लादेश के चटगांव में भी एक बंदरगाह को वित्त पोषित कर रहा है। भारत पड़ोसी देशों में हो रहे चीन विकसित बंदरगाहों को हिंद महासागर में घेरने की रणनीति के तौर पर देखता है।
हालांकि म्यांमार चीन के बढ़ते निवेश से सावधान हो गया है और देश में अपनी कुछ परियोजनाओं को घटा दिया है। चीनी की मीडिया के मुताबिक, यह बंदरगाह सौदा बेल्ट एवं सड़क के निरंतर कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस परियोजना में 70 फीसदी धन निवेश करेगा, जबकि शेष 30 फीसदी निवेश म्यांमार करेगा।