Tuesday , April 22 2025

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राहत की ‘सांस’: थोड़ी साफ हुई दिल्ली की हवा, गंभीर स्तर तक पहुंच गया था प्रदूषण

प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्लीवालों के लिए राहत की खबर आई है. राजधानी दिल्ली की हवा थोड़ी साफ हुई है. दिल्ली में प्रदूषकों के छंटने की वजह से पिछले छह दिन में पहली बार प्रदूषण का स्तर ‘अति गंभीर’ से घटकर ‘मध्यम से खराब’ तक पहुंचा है और इस कारण वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर हुई है. दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 339 रहा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर कल 339 और दिल्ली में 343 रहा. केंद्र सरकार की तरफ से संचालित वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और अनुसंधान (सफर) प्रणाली ने कहा कि प्रदूषकों के त्वरित तौर पर छंटने के कारण प्रदूषण का स्तर घटकर ‘मध्यम से खराब’ तक पहुंच गया है. ‘अति गंभीर’ के स्तर तक पहुंच गया था प्रदूषण बता दें कि बीते मंगलवार को राजस्थान से चलने वाले तूफान की वजह से यह ‘अति गंभीर’ के स्तर तक पहुंच गया था. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की बात करें तो पीएम 10 अगर 0-100 के बीच हो तो उसे ‘अच्छा’ माना जाता है, 101-250 हो तो ‘मध्यम’, 251-350 हो तो ‘खराब’, 351-430 हो तो बहुत ‘बहुत खराब’ और 431-550 हो तो ‘खतरनाक’ माना जाता है. कल दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 98 रहा वहीं बीते बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 778 और दिल्ली में 824 पहुंच गया था, जो इस बात का संकेत है कि प्रदूषण ‘गर्मी के मौसम की समस्या’ भी हो सकता है. सीपीसीबी के आंकड़े के मुताबिक, पीएम 2.5 भी ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ की श्रेणी से बेहतर होकर ‘मध्यम से खराब’ तक पहुंच गया है. दिल्ली एनसीआर और दिल्ली में कल पीएम 2.5 का स्तर 98 रहा.

प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्लीवालों के लिए राहत की खबर आई है. राजधानी दिल्ली की हवा थोड़ी साफ हुई है. दिल्ली में प्रदूषकों के छंटने की वजह से पिछले छह दिन में पहली बार प्रदूषण का स्तर ‘अति गंभीर’ से घटकर ‘मध्यम से खराब’ तक पहुंचा है और इस …

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राम माधव के करीबी बीजेपी नेता ने दिया पार्टी से इस्तीफा, जीएसटी, नोटबंदी को बताया पूरी तरफ फेल

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव सिंह की टीम में शामिल बीजेपी के युवा नेता शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की कई वजह गिनाए हैं. अपने ब्लॉग में शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी की अच्छी और खराब बातों के बारे में विस्तार से बताया है. शिवम ने मोदी सरकार पर ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है. साथ ही अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की संदिग्ध मौत और जज लोया की मौत मामले की जांच और बीजेपी विधायकों पर लगे रेप के आरोप में बचाव को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवम ने अपने ब्लॉग की शुरुआत बीजेपी सरकार की अच्छाइयों से की है. जिसमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बिजली कनेक्शन घर-घर तक पहुंचाने का जिक्र है. बीजेपी में क्या है अच्छा? 1. सड़क निर्माण कार्य में पहले से तेजी आई है और सड़कों की लंबाई के बारे में भी मानक पहले से बदलने के बावजूद सड़क बनाने का काम पहले से काफी तेज गति से हो रहा है. Shivam Shankar Singh @ShivamShankarS I am resigning from #BJP and for anyone who cares to know, here's why: https://medium.com/@INshivams/why-i-am-resigning-from-bjp-43b489d97777 … 12:18 PM - Jun 17, 2018 Why I am resigning from BJP: – Shivam Shankar Singh – Medium Political discourse is at it’s lowest point in the country, at least in my lifetime. The partisanship bias is unbelievable and people… medium.com 3,419 2,524 people are talking about this Twitter Ads info and privacy 2. बिजली के कनेक्शन में तेजी आई है सभी गांवों में बिजली के कनेक्शन पहुंचें है और लोगों को पहले से ज्यादा घंटों के लिए बिजली मिल रही है. (कांग्रेस ने 5 लाख गांवों में बिजली पहुंचाई और मोदी सरकार ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाकर काम पूरा कर दिया तो ये सरकार की कितनी उपलब्धि है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.) 3. ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार कम हुआ है सरकार में मंत्रियों के लेवल पर कोई भ्रष्टाचार का मामला नहीं आया है लेकिन ऐसा ही यूपीए वन के समय भी था तो इसमें क्या खास है. हालांकि निचले स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार की हालत वैसी ही है. 4. स्वच्छ भारत मिशन सफल रहा है और पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है और लोगों के दिमाग में भी स्वच्छता ने स्थान लिया है. 5. उज्जवला योजना एक शानदार पहल है लेकिन कितने लोग दूसरा सिलेंडर खरीदते हैं ये जानना बाकी है. पहला सिलेंडर और स्टोव मुफ्त मिलता है पर अब इसके लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं. जब से स्कीम शुरू हुई तबसे सिलेंडर दोगुना हो चुका है और अब इसे भरवाने के लिए 800 रुपये तक लग जाते हैं. 6. उत्तरी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कनेक्टिविटी निश्चित तौर पर बेहतर हुई है, ज्यादा ट्रेन चली हैं, सड़के हैं, फ्लाइट्स हैं और सबसे खास तौर पर ये इलाके अब मुख्यधारा के न्यूज चैनलों के चर्चा के विषय भी हैं. 7. राज्यों में कानून और व्यवस्था में अच्छी बेहतरी देखी गई है. क्या है खराब? 1. इलेक्टोरल बॉन्ड्स: इनके जरिए भ्रष्टाचार को कानूनी जामा पहना दिया गया है और इसके जरिए कोई भी कॉर्पोरेट या विदेशी शक्ति हमारी राजनीतिक पार्टियों को खरीद सकती हैं. बॉन्ड के बारे में किसी को पता नहीं चलता है ऐसे में अगर कोई कॉरपोरेट किसी खास पॉलिसी को लागू कराने के लिए 1 हजार करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टी को देता है तो जाहिर है कि उसका काम हो जाएगा. 2. प्लानिंग कमीशन रिपोर्ट: यह डेटा के लिए एक बेहद बड़ा सोर्स था. प्लानिंग कमीशन में सरकारी योजनाओं का आकलन होता था और फिर सुनिश्चित किया जाता था कि योजनाओं पर काम कैसे चल रहा है. अब कोई ऑप्शन नहीं है. जो भी डेटा सरकार देती है उसपर भरोसा करना पड़ता है. इसकी जांच के लिए कोई साधन नहीं है., 3. सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल: जहां तक मैंने देखा कि सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है. हालांकि अगर ऐसा नहीं भी है तो जो लोग मोदी और शाह के खिलाफ बोलेंगे उन्हें इन एजेंसियों का डर है. ये एक स्वस्थ लोकतंत्र को खत्म करने के लिए काफी है. कांग्रेस का बड़ा आरोप, RSS के कहने पर जज लोया की मौत के मामले में SC में राजनीति से प्रेरित PIL दाखिल की गई 4. कालिखो पुल (अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री), जज लोया, शोहराबुद्दीन मर्डर केस की जांच में नाकाम रहे. उन्नाव में ऐसे विधायक को बचाने का प्रयास किया गया जिसपर रेप और पीड़ित के पिता की हत्या का आरोप है. इस मामले में FIR एक साल बाद दर्ज की गई. 5. नोटबंदी: बीजेपी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि नोटबंदी नाकाम रहा. नोटबंदी से टेरर फंडिंग को रोकने, कैश को कम करने जैसी बातें बेतुकी हैं. इससे कई कारोबार खत्म हो गए. नोटबंदी का एक साल: यहां पढ़ें सबसे बड़े सवाल का जवाब, आखिर कितना कैशलेस हुआ इंडिया? 6. जीएसटी: जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया गया. जिससे कारोबार को भारी नुकसान पहुंचा. बीजेपी ने इस नाकामी को भी स्वीकार नहीं किया है. 7. विदेश नीति पर सवाल: हम चारों तरफ से घिरे हैं. चीन का श्रीलंका में बंदरगाह है वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान में वह लगातार प्रयासरत है. हम हर तरफ से घिरे हैं. मालदीव में विदेश नीति असफल रही. इन सबके बावजूद मोदी जी जब विदेश जाते हैं तो ये कहते हैं कि भारतीयों का 2014 से पहले विश्व में कोई सम्मान नहीं था और अब बहुत सम्मान मिल रहा है (ये बिलकुल बेतुका है. विदेश में भारत का सम्मान, बढ़ती अर्थव्यवस्था और आईटी क्षेत्र का सीधा परिणाम होता है. सम्मान बढ़ा नहीं बल्कि बीफ के शक में हत्या, पत्रकारों को धमकी की वजह से खराब हुआ है.) 8. पेट्रोल-डीजल की कीमत: पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी, बीजेपी के मंत्री और सभी समर्थकों ने कांग्रेस की आलोचना की थी. अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को सही ठहराया जा रहा है. शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी पर मीडिया के गलत इस्तेमाल, ध्रुवीकरण को लेकर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रचारित किया जाता है कि 70 साल में भारत में कुछ भी नहीं हुआ, जो हो रहा है इसी सरकार में हो रहा है. ये सरासर झूठ है और ये देश के लिए खतरनाक है. इस सरकार ने विज्ञापनों पर हमारे करदाताओं के पैसे का 4,000 करोड़ खर्च किया. मोदी कोई ऐसे पहले नहीं हैं जो सड़क बनवा रहे हैं, उनसे बेहतर सड़के मायावती और अखिलेश ने बनवाईं हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. फेक न्यूज का प्रचार तेजी से किया जाता है. समय-समय पर हिंदू खतरे में हैं जैसा शिगूफा छेड़ दिया जाता है. लोगों के दिमाग में ये बिठाया जा रहा है कि हिंदू और हिंदूत्व खतरे में है. हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मालिकाना हक वाले न्यूज चैनल चल रहे हैं, जिनका इकलौता काम है हिंदू-मुस्लिम, नेशनलिस्ट-एंटी नेशनलिस्ट, भारत-पाकिस्तान पर बहस करना. लोगों की भावनाओं को भड़काना. असली मुद्दों से उनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं. कौन हैं शिवम शंकर सिंह? शिवम शंकर सिंह ने मिशिगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और उन्हें डेटा एनालिटिक्स में महारत हासिल है. उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों में कमल खिलाने में राम माधव के साथ मिलकर काम किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी ने शानदार आगाज किया है. सिंह के ट्विटर हैंडल पर नजर डालें तो वह लगातार बीजेपी के पक्ष में ट्वीट करते रहे हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव सिंह की टीम में शामिल बीजेपी के युवा नेता शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की कई वजह गिनाए हैं. अपने ब्लॉग में शिवम शंकर सिंह ने बीजेपी की अच्छी और खराब बातों के बारे में विस्तार से …

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तेलंगाना: सत्ताधारी पार्टी TRS के नेता ने जमीन विवाद में महिला की छाती में मारी लात

तेलंगाना के निजामाबाद में सत्ताधारी पार्टी टीआरएस के नेता ने जमीन विवाद को लेकर एर महिला को लात मार दी. इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. घटना निजामाबाद जिले की है. पुलिस ने बताया है कि पहले महिला ने उसे अपनी चप्पल से मारा था. वीडियो में क्या है? वीडियो में धरपल्ली मंडल (ग्रामीण स्थानीय निकाय) के प्रमुख आई गोपी को एक महिला पर लात बरसाते देखा जा सकता है. पुलिस ने बताया कि पहले महिला ने उसे अपनी चप्पल से मारा था. पुलिस का कहना है कि मामला भूमि की बिक्री से जुड़े विवाद का है. हालांकि महिला की शिकायत पर आरोपी गोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं, आई गोपी ने भी महिला के खिलाफ एक जवाबी शिकायत दर्ज कराई है. धमकी दे रहा था गोपी- पीड़ित महिला शिकायत में महिला ने कहा कि पिछले साल गोपी ने उसे 33. 72 लाख रूपये में एक भूखंड बेचा था. इसपर एक मकान भी था. हालांकि, इलाके में भूमि का मूल्य बढ़ने के बाद और 50 लाख रूपये की मांग की. उन्होंने अब तक महिला को प्रापर्टी नहीं सौंपी और उसे धमकी दे रहे थे. पुलिस ने बताया कि महिला प्रापर्टी सौंपने की मांग करने के लिए अपने रिश्तेदारों के साथ गोपी के घर गई. वहां दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई, जिसके बाद महिला ने गोपी को कथित तौर पर अपनी चप्पल से मारा. उन्होंने बताया कि इसके बाद गोपी ने महिला को लातों से मारा.

तेलंगाना के निजामाबाद में सत्ताधारी पार्टी टीआरएस के नेता ने जमीन विवाद को लेकर एर महिला को लात मार दी. इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. घटना निजामाबाद जिले की है. पुलिस ने बताया है कि पहले महिला ने उसे अपनी चप्पल से मारा था. वीडियो …

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Instagram पर बिना फॉलो किए इन तरीकों से बढ़ाएं अपने फॉलोवर्स

हम आपके लिए दो ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप इंस्टाग्राम पर बिना किसी को फॉलो किए अपने फॉलोवर्स बढ़ा सकते हैं। जानते हैं इन 2 तरीकों के बारे में एप्स की मदद से बढ़ाएं फॉलोवर्स Step 1: गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर जाएं। इसके बाद Instafollow टाइप करें और एप को डाउनलोड करें। Step 2 : एप को डाउनलोड करने के बाद जरूरी जानकारियों को भरें। इसके बाद एप के होम पेज पर जाएं और किसी के भी प्रोफाइल को सर्च करें। इसके बाद उस प्रोफाइल पर बले Follow बटन को क्लिक कर दें। Step 3: इसके बाद दूसरे टैब में जाएं। यहां फॉलो करने के बाद मिले प्वाइंट्स को जमा करें। इससे आपको जरुरी फॉलोवर्स मिल सकेंगे। Step 4: इसी प्रक्रिया को उतनी बार दोहराएं जितने फॉलोवर्स आपको चाहिएं। इन आसान तरीकों से करें अपने इंस्टाग्राम स्टोरी को हाइड यह भी पढ़ें वेबसाइट की मदद से बढ़ाएं फॉलोवर्स Step 1: अपने ब्राउजर पर Instatrain.org टाइप करें और फिर इंटर करें। क्या Whatsapp पर मंडरा रहा है खतरा, जानें इन 7 वजहों को यह भी पढ़ें Step 2: इसके बाद वेबसाइट पर अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल की जानकारियों को लिखें। Step 3: इसके बाद आप देखेंगे कि आपके अकाउंट में कई फॉलोवर्स जुड़ चुके हैं और वो भी फ्री में

हम आपके लिए दो ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप इंस्टाग्राम पर बिना किसी को फॉलो किए अपने फॉलोवर्स बढ़ा सकते हैं। जानते हैं इन 2 तरीकों के बारे में एप्स की मदद से बढ़ाएं फॉलोवर्स Step 1: गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर जाएं। इसके बाद …

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Smoking की आदत से छुटकारा दिलाएंगे ये 3 एप्स, जानें फीचर्स

क्या आप या फिर आपके आस-पास कोई ऐसा है जिसे धूम्रपान की आदत लग गई है? एक रिसर्च में इस बात की जानकारी दी गई है कि 10 में से 7 भारतीयों को धूम्रपान से होने वाले अंजाम के बारे में पता होता है लेकिन फिर भी 53 फीसदी लोग धूम्रपान छोड़ नहीं पाते हैं। ऐसे में हम तीन एप्स लेकर आए हैं जो धूम्रपान छुड़ाने में आपकी मदद करेंगे। जानते हैं इन एप्स के नाम और फीचर्स के बारे में। QuitNow: एप को 10 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है। एप को प्ले स्टोर पर 4.3 स्टार मिला है। एप को 36 हजार से ज्यादा यूजर्स ने रेटिंग दी है। एप की साइज 15 एमबी है। फीचर्स: यह एक ऑन लाइन कम्यूनिटी है। एप का एक बड़ा सोशल नेटवर्क है, जिसमें 44 भाषाओं का स्पोर्ट मिलता है। एप में आपको धूम्रपान और स्वास्थ्य को चेक करने के लिए ट्रैकर दिया गया है। एप में कई प्रोग्राम दिए गए हैं जिनकी मदद से धूम्रपान की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। इन 3 एप्स की मदद से सीखें Cooking के सारे टिप्स, मिलेंगी तीन लाख ये भी ज्यादा Recipes यह भी पढ़ें Smoke Free: एप को 10 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है। एप को प्ले स्टोर पर 4.7 स्टार मिला है। एप को 36 हजार से ज्यादा यूजर्स ने रेटिंग दी है। एप की साइज 42 एमबी है। 200 से भी ज्यादा देशों से भारत में ट्रांसफर कर सकते हैं पैसे, करें इन 3 एप्स का इस्तेमाल यह भी पढ़ें फीचर्स: यह एक ऑन लाइन कम्यूनिटी है जिसमें धूम्रपान करने वाले और धूम्रपान नहीं करने वाले दोनों ही शामिल हैं। धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में एप आपकी मदद करता है। एप आपको बताता है कि धूम्रपान छोड़ने की वजह से आपने दिन में कितनी बचत की है। साथ ही एप आपको बताता है कि आपके शरीर में कितना सुधार आया है। Quit Smoking- Cessation Nation: एप को 1 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है। एप को प्ले स्टोर पर 4.5 स्टार मिला है। एप को 6 हजार से ज्यादा यूजर्स ने रेटिंग दी है। एप की साइज 3.3 एमबी है। फीचर्स: एप आपकी हर उपलब्धि पर एक बैच देता है। एप न सिर्फ धूम्रपान सेवन, बजत और फायदे के बारे में जानकारी देता है बल्कि ये आपके हेल्थ रिपोर्ट में कितना सुधार आया है इसकी एक डिटेल्ड रिपोर्ट भी देता है।

क्या आप या फिर आपके आस-पास कोई ऐसा है जिसे धूम्रपान की आदत लग गई है? एक रिसर्च में इस बात की जानकारी दी गई है कि 10 में से 7 भारतीयों को धूम्रपान से होने वाले अंजाम के बारे में पता होता है लेकिन फिर भी 53 फीसदी लोग …

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एसजीएक्स को निफ्टी कांट्रेक्ट में अगस्त के बाद भी ट्रेडिंग जारी रखने की अनुमति

सिंगापुर एक्सचेंज (एसजीएक्स) ने कहा है कि आर्बिट्रेटर यानी आर्बिट्रेशन के पीठासीन अधिकारी ने उसे एसजीएक्स निफ्टी कांट्रेक्ट में ट्रेडिंग अगस्त के बाद भी जारी रखने की अनुमति दी है। सिंगापुर एक्सचेंज ने एक बयान में बताया कि एसजीएक्स और इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आइआइएसएल) के बीच चल रही आर्बिट्रेशन प्रक्रिया में 14 जून को पीठासीन अधिकारी ने आर्बिट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद के कम से कम दो महीनों के कांट्रेक्ट की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि एसजीएक्स को न्यू इंडिया इक्विटी डेरिवेटिव्स उत्पाद लांच न करने का भी निर्देश दिया गया है। 11 अप्रैल को एसजीएक्स ने इस तरह के उत्पाद लांच करने की अनुमति दी थी। एसजीएक्स के अनुसार इस मामले में आर्बिट्रेशन प्रक्रिया जारी है और सबूतों पर सुनवाई अगले साल के शुरू में चालू होने की उम्मीद है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की इंडेक्स कंपनी आइआइएसएल को राहत देते हुए एसजीएक्स के न्यू इंडिया डेरिवेटिव्स उत्पाद लांच करने पर रोक लगा दी गई थी। दोनों कंपनियों के बीच मामला 23 मई से चल रहा है। अमेरिका और एशिया के शेयर बाजार में शानदार रिकवरी, SGX निफ्टी 10300 के पार यह भी पढ़ें क्या है मामला: आइआइएसएल से मिले लाइसेंस के अनुसार एसजीएक्स को अगस्त तक एसजीएक्स निफ्टी कांट्रेक्टों में कारोबार की अनुमति थी। तीन भारतीय बाजारों एनएसई, बीएसई और मेट्रोपोलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने फरवरी में विदेशी बाजारों में भारतीय शेयर सूचकांकों में ट्रेडिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की घोषणा की थी। इन तीनों एक्सचेंजों ने लिक्विडिटी के विदेशी बाजारों में प्रवाह को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास के तहत यह कदम उठाया था। एसजीएक्स ने एनएसई के निफ्टी इंडेक्स में ट्रेडिंग शुरू करने की घोषणा की। उसने भारत की 50 शीर्ष कंपनियों में सिंगल स्टॉक फ्यूचर्स में ट्रेडिंग की बात कही थी। इसके बाद भारतीय शेयर बाजारों को एकजुट होकर कदम उठाना पड़ा।

सिंगापुर एक्सचेंज (एसजीएक्स) ने कहा है कि आर्बिट्रेटर यानी आर्बिट्रेशन के पीठासीन अधिकारी ने उसे एसजीएक्स निफ्टी कांट्रेक्ट में ट्रेडिंग अगस्त के बाद भी जारी रखने की अनुमति दी है। सिंगापुर एक्सचेंज ने एक बयान में बताया कि एसजीएक्स और इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आइआइएसएल) के बीच चल …

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रिटायरमेंट के लिए उम्र के किस-किस पड़ाव पर आपको करनी चाहिए सेविंग, जानिए

रिटायरमेंट के लिए हर कोई थोड़ी-थोड़ी सेविंग करता ही है। यह एक ऐसा समय होता है जो आपके जीवन में आराम के साथ-साथ कई तरह की चिंताएं भी लेकर आता है। बचत किन तरीकों से करनी चाहिए यह जानना भी सबसे अहम होता है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि किस उम्र से रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना शुरू करना बेहतर होता है। आपको रिटायरमेंट को एक लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए और उसी हिसाब से प्लानिंग करनी चाहिए। नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट की उम्र आमतौर पर 60 होती है। सेविंग के लिए सजग रहने के बावजूद देखा गया है कि कई लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग करने में देरी कर देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि इसकी प्लानिंग कब से शुरू करनी चाहिए। हम आपको अपनी इस खबर में बता रहे हैं कि रिटायरमेंट के लिए कब से सेविंग करना बेहतर रहेगा। युवा अवस्था: वर्ष 1980 के बाद पैदा होने वाले लोग थोड़ी सी ही सेविंग करते हैं। इन लोगों में महंगी लाइफस्टाइल का शौक होता है। जैसे कि गैजेट्स रखना, रेस्टॉरेंट में खाना खाना, ईएमआई पर चीजें खरीदना, एजुकेशन लोन लेना इत्यादि। इस उम्र में लोगों को रिटायरमेंट प्लानिंग से कुछ खास लेना-देना नहीं होता है। इस उम्र में जो लोग थोड़ा बुद्धिमान होते हैं उन्हें भी रिटायरमेंट की प्लानिंग की सुध बहुत बाद में आती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए नौकरी का शुरूआती समय कार बंगला या एक लग्जरी लाइफ-स्टाइल मेंटेन करने में बीतता है। इस उम्र में आपको अपनी आय एक अंश रिटायरमेंट के लिए सेव जरूर करना चाहिए। महंगाई ध्यान में रखकर करें रिटायरमेंट प्लानिंग यह भी पढ़ें 35 से 45 साल की उम्र में: यह वह उम्र होती है जब जिम्मेदारियां बढ़ती रहती हैं, जिससे फाइनेंस का दबाव बहुत अधिक रहता है। 35 से 45 वर्ष की आयु के दौरान आपको कई तरह की जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ सकतीं हैं, लेकिन आपकी प्राथमिकता रिटायरमेंट के लिए सेविंग होनी चाहिए। आपको इस दौरान अपनी आय का 20 फीसद हिस्सा रिटायरमेंट के लिए बचाना शुरू कर देना चाहिए, आप इसे 40 से 50 फीसद तक भी ले जा सकते हैं। रिटायरमेंट से कुछ समय पहले: रिटायरमेंट के करीब बच्चों की शिक्षा और शादी के लिए रिटायरमेंट सेविंग बहुत जरूरी होती है। यह फेज हर व्यक्ति की लाइफ में आता है। अगर आपको लगता है कि आप पर शिक्षा संबंधी बहुत सारी जिम्मेदारियां आने वाली हैं तो आपको अपनी आय का 15 फीसद हिस्सा सेव करना ही चाहिए।

रिटायरमेंट के लिए हर कोई थोड़ी-थोड़ी सेविंग करता ही है। यह एक ऐसा समय होता है जो आपके जीवन में आराम के साथ-साथ कई तरह की चिंताएं भी लेकर आता है। बचत किन तरीकों से करनी चाहिए यह जानना भी सबसे अहम होता है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि …

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OMG! जब श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ने मैदान में उतरने से कर दिया इंकार

अंपायर अलीम डार और इयान गोल्ड ने तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले गेंद बदलने के निर्देश दिए थे क्योंकि वे दोनों गेंद की स्थिति से संतुष्ट नहीं थे। दूसरे दिन जिस गेंद का उपयोग किया गया था उससे, अंपायरों को गेंद से छेड़छाड़ का आभास लग रहा था इसलिए उन्होंने तीसरे दिन दूसरी गेंद से मैच कराने का निर्णय लिया। विंडीज ने श्रीलंका के 253 रन के जवाब में अपनी पहली पारी में 2 विकेट पर 118 रन बनाए हैं। श्रीलंकाई टीम ने अंपायरों के फैसले का विरोध किया और मैदान पर उतरने से इंकार किया। अंपायरों, मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ और श्रीलंकाई कप्तान दिनेश चांदीमल के बीच चर्चा के बाद करीब 90 मिनट देरी से मैच शुरू हो सका। अगर वह मैदान पर नहीं आते तो रैफरी टीम पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगा सकते थे। मैदान पर नहीं आने की वजह से श्रीलंका को 5 रनों की पेनल्टी मिली और विंडीज के स्कोर में पांच रन जोड़े गए। यह पहला मौका नहीं है जब किसी टीम ने विरोध के तौर पर मैदान पर आने से मना कर दिया था। 2006 में क्रिकेट इतिहास में पहली बार इस तरह की घटना हुई थी। उस समय इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में पाकिस्तान ने भी ऐसा ही किया था। जब अंपायर डैरेल हेयर और बिली डॉक्ट्रोव ने पाकिस्तान पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें 5 पेनल्टी रन गंवाने पड़े थे। पाकिस्तान की टीम ने इस टेस्ट के चौथे दिन चायकाल के बाद मैदान पर आने से मना कर दिया था।

अंपायरों के गेंद बदलने के निर्णय से नाराज श्रीलंका ने विंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को यहां मैदान पर उतरने से इंकार कर दिया। श्रीलंकाई टीम करीब एक घंटे तक मैदान में नहीं उतरी। अंपायर अलीम डार और इयान गोल्ड ने तीसरे दिन का खेल …

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FIFA WC : क्रोएशिया ने नाइजीरिया को हराया, इटेबो का आत्मघाती गोल

क्रोएशिया शनिवार को फुटबॉल विश्व कप के ग्रुप 'डी' में नाइजीरिया पर 2-0 से संघर्षपूर्ण जीत दर्ज कर ग्रुप में शीर्ष पर पहुंच गया। ओघेनेकारो इटेबो के आत्मघाती गोल और लुका मॉडरिक द्वारा पेनल्टी पर दागे गए गोल से क्रोएशिया ने यह जीत दर्ज की। 13वें मिनट में क्रोएशिया की तरफ से पहला हमला बोला गया जब मेंडुकिक के मूव पर पेरिसिक का शॉट क्रॉस बार से थोड़ा बाहर से निकल गया। नाइजीरिया के एलेक्स लोबी ने क्रोएशियाई रक्षकों को व्यस्त रखा और उन्होंने कई हमले बोले, लेकिन उनके प्रयास नाकाम रहे। क्रोएशिया ने मैच के 32वें मिनट में बढ़त बनाई जब इटेबो ने आत्मघाती गोल दागा। मॉ‍डरिक द्वारा लिए गए कॉर्नर पर मारियो मेंडुकिक के हैडर को इटेबो अपने गोल में ही पहुंचा बैठे। नाइजीरिया की तरफ से पिछले विश्व कप (2014) में भी आत्मघाती गोल दागा गया था, उस वक्त फ्रांस के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में मिली हार के दौरान जोसेफ योबो आत्मघाती गोल कर बैठे थे। क्रोएशिया हाफटाइम तक 1-0 से आगे था। इसके बाद क्रोएशिया को 72वें मिनट में पेनल्टी मिली जब नाइजीरिया के विेलियम इकोंग ने बॉक्स के अंदर बेवजह मेंडुकिक को गिराया। इस पर मिली पेनल्टी पर मॉडरिक ने गोल दागते हुए क्रोएशिया को 2-0 से आगे कर दिया। फ्रांस में 1998 विश्व कप की सेमीफाइनलिस्ट क्रोएशियाई टीम अपनी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। वैसे क्रोएशिया के लिए यह अच्छा रहा कि पिछले विश्व कप के अपने पहले मैच में उसे ब्राजील के हाथों 1-3 से हार झेलनी पड़ी थी। इस ग्रुप में हुए इससे पहले के मैच में आइसलैंड ने अर्जेंटीना को 1-1 की बराबरी पर रोका। लियोनेल मैसी इस मैच में पेनल्टी चूके और उनकी टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था। क्रोएशिया को अब गुरुवार को लियोनेल मैसी की अर्जेंटीना से भिड़ना होगा। इसके अगले दिन नाइजीरिया को आइसलैंड का मुकाबला करना है।

क्रोएशिया शनिवार को फुटबॉल विश्व कप के ग्रुप ‘डी’ में नाइजीरिया पर 2-0 से संघर्षपूर्ण जीत दर्ज कर ग्रुप में शीर्ष पर पहुंच गया। ओघेनेकारो इटेबो के आत्मघाती गोल और लुका मॉडरिक द्वारा पेनल्टी पर दागे गए गोल से क्रोएशिया ने यह जीत दर्ज की। 13वें मिनट में क्रोएशिया की …

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फादर्स डे 2018: जानिए कैसे हुई इस खास दिन की शुरुआत

माना की इस दुनिया में सबसे बड़ा दर्जा एक मां का होता है पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि एक बच्चे को बड़ा और सभ्य बनाने में उसके पिता का कोई रोल नहीं होता। बच्चे को एक खरोच भी लग जाए तो जितना दर्द एक मां महसूस …

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