महसी बहराइच से मिली जानकारी के अनुसार, 13 अक्टूबर को महराजगंज में हुई मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद दो संदिग्ध, मारूफ और ननकऊ, फरार हो गए थे। रामगोपाल की पत्नी ने लगातार पुलिस पर सवाल उठाए और सोशल मीडिया के माध्यम से न्याय की मांग की, जिसके चलते पुलिस पर इनकी गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया।
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पुलिस ने दोनों की तलाश में परिजनों पर दबाव बनाया, जिसके बाद वे पुलिस के गिरफ्त में आ गए। उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनसे कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल कीं, जिससे रामगोपाल की हत्या की साजिश से जुड़ी बातें सामने आईं। इन पर हत्या की साजिश रचने के आरोप में कई मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, 14 अक्टूबर को हुई आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट के मामलों में शामिल दो उपद्रवियों, सुशील कुमार द्विवेदी और मन्नू, को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। एसएचओ कमलशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि इन मामलों की वीडियो जांच के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई थी।
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों से स्थानीय जनता में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन अभी भी मामले की गहराई से जांच जारी है।
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