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RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत बिहार क्‍यों जा रहे हैं?

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत 22 मई से बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान वह नवादा जाएंगे, जहां आरएसएस कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक ट्रेनिंग के 20 दिवसीय सत्र को संबोधित करेंगे. नवादा, बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय राज्‍य मंत्री गिरिराज सिंह का संसदीय क्षेत्र है. मार्च में यहां सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. उसी दौरान बिहार के सात अन्‍य जिलों में भी सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थीं. लिहाजा मोहन भागवत की यात्रा से पहले एक बार फिर बिहार की सियासत का पारा चढ़ने लगा है.

सियासी पारा चढ़ा
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बताया, ”हमें आश्चर्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा और संघ के हिंदुत्व के एजेंडे के मामले में इतने लाचार क्यों हो जाते हैं.” उन्होंने कहा, ”इस साल के शुरू में मोहन भागवत दस दिन के दौरे पर बिहार आये थे और रामनवमी के कुछ ही दिन बाद भागलपुर, गया, औरंगाबाद और समस्तीपुर में दंगा भड़क गया था.” तिवारी ने कहा, ”अब वह नवादा जा रहे हैं जो लगातार सांप्रदायिक तनाव के कारण प्रभावित जिलों में से एक है. अगर नीतीश कुमार संघ प्रमुख को बिहार दौरे पर आने से नहीं रोक सकते हैं तो उनकी गतिविधियों पर उन्हें कड़ी निगरानी रखनी चाहिए.”

जेडीयू का जवाब
राजद उपाध्यक्ष की प्रतिक्रिया पर तत्काल टिप्पणी करते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ”नीतीश कुमार अपना काम जानते हैं और समाज में शांति कायम रखने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं.” नीरज ने कहा, ”राजद को हमें इस मुद्दे पर भाषण देने की जरूरत नहीं है. सभी संगठनों के लोग बिहार आने के लिए मुक्त हैं, बशर्ते वे शांति व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश नहीं करें.”

सीएम नीतीश ने किया ‘सभ्यता द्वार’ का लोकार्पण
इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गंगा तट पर बने सभ्यता द्वार का लोकार्पण किया. सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में सभ्यता द्वार का उद्घाटन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि समृद्ध इतिहास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. इसके बदौलत ही सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं और इसमें सफलता मिलती है. ‘इंडिया गेट’ और ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ की तर्ज पर तैयार हुआ है ‘सभ्यता द्वार’.

नीतीश कुमार ने परिसर में सम्राट अशोक की धम्म की प्रतीक मूर्ति सहित अशोक स्तंभ का भी लोकार्पण किया. बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड की स्थापना दिवस पर 502 करोड़ से 109 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी शामिल हुए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ज्ञान भवन बाद में बापू सभागार और आज सभ्यता द्वार का लोकार्पण होने से यह परिसर पूरी तरह तैयार हो गया. इस तरह का भवन अन्य जगहों पर भी बनना चाहिए. ऐसे भवनों के निर्माण से देश-दुनिया में चर्चा होती है. बिहार संग्रहालय की चर्चा दुनिया भर में हो रही है. उन्होंने कहा कि भवनों का निर्माण भूकंपरोधी व अग्निरोधी होना चाहिए. साथ ही नवनिर्मित भवनों में सभी स्ट्रक्चर एकबार ही तैयार कर लेना चाहिए. भवनों में लगने वाले फर्नीचर की व्यवस्था भवन निर्माण के एस्टीमेट में ही होनी चाहिए. जिससे उसमें हेरफेर करने की नौबत नहीं आये.

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